बिहार विधान परिषद की २४ सीटों पर हुए चुनाव में सत्ताधारी राजग को बढ़त मिली है। राजग को 13 सीटों पर जीत हासिल हुई है। भाजपा जहां सबसे बड़़ी पार्टी बनकर उभरी‚ वहीं मुख्य विपक्षी दल राजद दूसरे स्थान पर रहा‚ जबकि जदयू ने अपनी स्थिति बरकरार रखी।हालांकि भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में ५ सीटों का नुकसान‚ जबकि राजद को दो सीटों का फायदा हुआ है।
चुनाव नतीजों के अनुसार‚ भाजपा को ७‚ जदयू को ५ व रालोजपा को एक सीट मिली। राजद को छह सीटों से संतोष करना पड़़ा। कांग्रेस को भी एक सीट मिली है। हालांकि राजद के तीन और भाजपा के एक बागी नेता ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। मुजफ्फरपुर से जदयू के दिनेश सिंह ने जीत दर्ज की है। नालंदा से जदयू की रीणा यादव ने जीत प्राप्त की। सीतामढ़ी से जदयू की रेखा कुमारी ने जीत दर्ज की‚ जबकि आरा–बक्सर से जदयू के राधाचरण शाह को जीत मिली। भागलपुर–बांका से जदयू के विजय कुमार सिंह ने जीत दर्ज की है। समस्तीपुर से भाजपा के तरुण कुमार विजयी रहे। रोहतास– कैमूर से भाजपा के संतोष कुमार सिंह ने जीत दर्ज की। औरंगाबाद से भाजपा के दिलीप कुमार सिंह ने विजय प्राप्त की। पूर्णिया–अररिया–किशनगंज से ड़ॉ. दिलीप जायसवाल ने जीत दर्ज की। गोपालगंज से भाजपा के राजीव कुमार ने जीत दर्ज की। कटिहार से भाजपा के अशोक अग्रवाल ने जीत हासिल की। दरभंगा से भाजपा के सुनील चौधरी ने जीत हासिल की। वैशाली से रालोजपा के भूषण कुमार ने जीत दर्ज की। पटना से राजद के कार्तिक कुमार ने को जीत मिली। इसी तरह मुंगेर–जमुई–लखीसराय–शेखपुरा से राजद के अजय कुमार सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे। गया–जहानाबाद–अरवल से राजद के कुमार नागेंद्र ने जीत हासिल की। पश्चिमी चंपारण से राजद के सौरभ कुमार ने जीत दर्ज की। सीवान से राजद के विनोद जायसवाल को जीत मिली। सहरसा–सुपौल–मधेपुरा से राजद के अजय सिंह को विजयश्री प्राप्त हुई। मधुबनी से अंबिका गुलाब यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज करने में सफल रहीं। नवादा से अशोक यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। सारण से भाजपा के बागी सचिदानंद सिंह ने जीत दर्ज की। पूर्वी चंपारण से राजद के बागी व निर्दलीय महेश्वर सिंह विजयी रहे। बेगूसराय–खगडि़़या से कांग्रेस के राजीव कुमार ने जीत दर्ज की।
मालूम हो कि वर्ष २०१६ में हुए विधान परिषद के चुनाव में भाजपा को १२‚ राजद को ४‚ जदयू को ५ तथा लोजपा‚ कांग्रेस और एक निर्दलीय प्रत्याशी को १–१ सीट पर कामयाबी मिली थी। पिछला चुनाव राजद–जदयू–कांग्रेस ने मिलकर लड़़ा था‚ जबकि भाजपा–लोजपा का अलग गठबंधन था।
बिहार विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार कोटे की २४ सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम आते ही सदन में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़़ी देवी को फिर से विपक्ष के नेता का दर्जा मिलना तय हो गया है। ७५ सदस्यीय विधान परिषद में विपक्ष का नेता बनने के लिए सदन के कुल सदस्य संख्या का दसवां हिस्सा होना अनिवार्य है। विधान परिषद में मौजूदा समय में सदस्यों की संख्या ५१ है‚ जिनमें जदयू के २३‚ भाजपा के १५‚राजद के पांच‚ कांग्रेस के तीन‚ सीपीआई के दो‚ हम के एक‚ वीआईपी के एक और निर्दलीय एक एक सदस्य हैं। मौजूदा स्थिति में विपक्ष के नेता के लिए ५.१० फीसद सदस्यों की जरूत थी। जो राजद के पास नहीं था। अब चुनाव परिणाम आ जाने के बाद सदन में सदस्यों की संख्या ७५ हो गयी है। इस तरह नेता प्रतिपक्ष के लिए आठ सदस्यों की आवश्यकता है। राजद के सदस्यों की संख्या अब ८ से ज्यादा हो गयी है।
बिहार विधानसभा में सत्ताधारी जदयू भले ही सबसे बड़़ी पार्टी नहीं हो‚लेकिन विधान परिषद में आज भी जदयू सबसे बड़़ी पार्टी है। ७५ सदस्यीय बिहार विधान परिषद में अब जदयू के २८‚ भाजपा के २२‚ राजद के ११‚ कांग्रेस के चार‚ सीपीआई के दो‚ वीआईपी व हम के एक–एक और निर्दलीय पांच सदस्य हो गये हैं।