पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ असंवैधानिक तरीके से अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और नेशनल असेंबली भंग किए जाने के मुद्दे पर टकराव जारी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई फिर शुरू हो गई है। इमरान खान लगातार आरोप लगा रहे हैं कि अमेरिका के इशारे पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। वो विपक्ष को देशद्रोही भी करार दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय इमरान और उनके मंत्रियों की बयानबाजी से सख्त नाराज है। दूसरी तरफ, विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वो सरकार के खिलाफ पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन करेगा।
फॉरेन मिनिस्ट्री ने क्या कहा
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की बुधवार देर रात जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉरेन मिनिस्ट्री के सीनियर अफसरों ने अमेरिका का नाम लिए जाने पर सख्त ऐतराज जताया है। इन अफसरों के मुताबिक, सरकारें और नेता बदलते रहते हैं, लेकिन इस सरकार ने जो किया है उसका पाकिस्तान को बहुत सख्त और बहुत लंबे समय तक खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, फॉरेन मिनिस्ट्री के अफसरों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा- अब हमारे एम्बेसेडर्स भी विदेश मंत्रालय को खुलकर सारी बातें नहीं बताएंगे। उनके जेहन में यह डर बन गया है कि उनके किसी लेटर को कभी भी पब्लिक डोमेन में लाया जा सकता है, जबकि ये साफ तौर पर सीक्रेट होते हैं। अमेरिका और यूरोप से संबंधों पर इसका बहुत गहरा असर होगा। हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि हमारे डिप्लोमैट्स ही दुनिया में हमारे आंख और कान होते हैं।
विपक्ष का दबाव बढ़ेगा
विपक्षी दलों के संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान ने बुधवार रात साफ कर दिया कि गठबंधन अब कोर्ट के अलावा सड़कों पर भी इमरान खान का मुकाबला करेगा।
रहमान ने एक चैनल से बातचीत में कहा- जिस तरह से अविश्वास प्रस्ताव खारिज किया गया और जिस तरह से नेशनल असेंबली को भंग किया गया, उससे ये साफ हो जाता है कि इमरान का संविधान में यकीन नहीं है और वो सिर्फ सत्ता से चिपके रहना चाहते हैं। वो हमें गद्दार करार देते हैं। अब हम हर हाल में सड़कों पर उतरेंगे और अवाम ही इमरान को बताएगी कि कौन गद्दार है।
आज फिर सुनवाई
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने और नेशनल असेंबली भंग होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई गुरुवार सुबह 10 बजे होगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान पहली बार राष्ट्रपति की तरफ से किसी वकील ने दलीलें पेश कीं। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के वकील अली जफर ने कहा- SC के पास डिप्टी स्पीकर के फैसले पर सुनवाई करने का हक ही नहीं है। जिस तरह कोर्ट के फैसले पर संसद में बहस नहीं हो सकती, उसी तरह संसद की कार्यवाही में कोर्ट भी दखलंदाजी नहीं कर सकता।
इससे पहले SC ने इमरान सरकार के वकील से NSC (नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल) की बैठक के मिनट्स मांगे। इसी मीटिंग में इमरान ने NSC के साथ विदेशी साजिश के सबूत वाला लेटर साझा करने का दावा किया था।