पटना मेट्रो के प्रस्तावित पीएमसीएच स्टेशन का अब भूमिगत निर्माण किया जाएगा‚ जिसे पहले जमीन के ऊपर बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। स्टेशन परिसर के अंदर प्रवेश या निकास के लिये दो द्वार होंगे। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (ड़ीएमआरसी) प्राचीन शहर में मेट्रो लाइनों के निर्माण में पटना मेट्रो रेल निगम (पीएमआरसी) की सहायता कर रहा है। ड़ीएमआरसी ने कहा कि पीएमसीएच स्टेशन को पहले जमीन के ऊपर बनाया जाना था। बाद में यह महसूस किया गया कि जमीन के ऊपर स्टेशन बनाने से बड़़ी संख्या में आस–पास की संरचनाओं को आंशिक या पूर्ण रूप से ध्वस्त करना पड़़ेगा। इसके अलावा व्यस्त सड़़क पर स्टेशन के निर्माण से सड़़क यातायात ठप हो जाएगा‚ क्योंकि कैथोलिक चर्च और पीएमसीएच के बीच अशोक राजपथ की चौड़़ाई बेहद संकरी है।’ इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के भूमिगत निर्माण का निर्णय लिया गया।
दिल्ली रेल मेट्रो कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने रविवार को बताया कि बिहार का प्रतिष्ठित पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (पीएमसीएच) शीघ ही मेट्रो रेल से जुड़ जाएगा। डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल ने बताया कि पीएमसीएच बिहार का एक प्रतिष्ठित मेडिकल सेंटर है‚ जो शीघ ही मेट्रो से जुड़ने वाला है क्योंकि पटना मेट्रो रेल परियोजना के तहत भावी पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन की लाइन अस्पताल परिसर के नीचे से होकर गुजरेगी। पीएमसीएच स्टेशन पटना मेट्रो रेल परियोजना के १४.४५ किलोमीटर लंबे पटना रेलवे स्टेशन–पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कॉरिडोर (लाइन–२) का हिस्सा होगा।
श्री दयाल ने बताया कि अस्पताल में अनेक मरीजों के इलाज के अलावा पीएमसीएच का एरिया अत्यधिक भीड़भाड़ वाले अशोक राजपथ पर स्थित है‚ जो पुराने पटना शहर के प्रसिद्ध गांधी मैदान से शुरू होकर मुख्य बाजार क्षेत्र में पड़ता है। यह स्टेशन भी अनेक प्राचीन भवनों‚ पुराने स्थानीय बाजारों और घनी आबादी वाले आवासीय क्षेत्रों के समीप होगा। भविष्य में बिहार सरकार द्वारा पीएमसीएच में बिस्तरों की प्रस्तावित संख्या बढाकर ४२०० करने के फलस्वरूप इस क्षेत्र में यातायात में भी बढोतरी होगी। साथ ही मेट्रो स्टेशन के शुरू होने से इस क्षेत्र में यातायात संबंधी चिंताएं कम कर पाना संभव हो सकेगा। प्रवेश एवं निकास द्वारों के दोनों ओर कनेक्टिविटी के लिए ३० मीटर का एक छोटा सब–वे भी बनाया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन में दो लिफ्ट और तीन एस्केलेटर होंगे। प्रधान कार्यकारी निदेशक ने बताया कि मूल रूप से यहां एलीवेटेड स्टेशन का प्रस्ताव था। इस स्टेशन के डिजाइन के अनुसार इसकी लाइन को बहुत घनी आबादी वाले आवासीय एवं कॉमर्शियल क्षेत्रों से होकर गुजरना था। बाद में यह महसूस किया गया कि एलीवेटिड खंड में आसपास के ढांचों को बड़ी संख्या में आंशिक तौर पर अथवा पूरी तरह से ढहाना पड़ेगा। इसके अलावा इस व्यस्त रोड पर एलीवेटिड वायाडक्ट के निर्माण से सड़क यातायात के जाम को बढावा मिलेगा क्योंकि कैथोलिक चर्च और पीएमसीएच के बीच अशोक राजपथ बहुत संकरा है। इसे ध्यान में रखते हुए पीएमसीएच स्टेशन का एक अनूठा डिजाइन तैयार करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि इसके परिसरों के कारण स्टेशन के निर्माण कार्य प्रभावित न हों। अशोक राजपथ के प्रस्तावित फ्लाईओवर में भी स्टेशन के डिजाइन के अनुसार आवश्यक फेरबदल किए गए ताकि प्रस्तावित फ्लाईओवर को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के निर्माण की व्यवहार्यता सुनिश्चित हो सके।
श्री दयाल ने बताया कि सिस्टम के लिए उपयुक्त स्थान की अपेक्षा के साथ ही यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम की रूपरेखा और आकार को पीएमसीएच के विशिष्ट डिजाइन के अनुसार तैयार किया गया है‚ जो अन्य स्टेशनों से भिन्न है। इसके अलावा प्रवेश स्थलों की परिस्थितियों और संबंधित वर्टिकल मूवमेंट स्थलों तथा मार्गों को उपलब्ध भूमि और सरफेस तथा इस स्थान विशेष के लिए सड़क मार्गों के अनुसार डिजाइन किया जाना है। इस कारण इस स्टेशन के प्रवेश द्वार‚ कॉन्कोर्स की रूपरेखा के साथ–साथ संबद्ध एरिया को अनूठा डिजाइन दिया गया है। प्रधान कार्यकारी निदेशक ने बताया कि बिहार की राजधानी होने के कारण पटना शहर बड़े पैमाने पर होते शहरीकरण तथा आर्थिक गतिविधियों के चलते बहुत तेजी से विकसित हो रहा है। ३१ किलोमीटर लंबी पटना मेट्रो रेल परियोजना जिसमें दानापुर–मीठापुर–खेमनीचक कॉरिडोर (लाइन–१) और पटना रेलवे स्टेशन–पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कॉरिडोर (लाइन–२) शामिल हैं‚ से शहर के लाखों यात्रियों को लाभ होना संभावित है और इससे वाहनों की संख्या भी कम होगी तथा भीड़भाड़ में भी कमी आएगी।