बिहार विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार कोटे की २४ सीटों पर ४ अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए शनिवार को प्रचार का शोर थम गया। प्रचार के अंतिम दिन उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद‚ जल संसाधन मंत्री संजय झा‚ शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी‚ ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार‚ प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव‚ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ड़ॉ.मदन मोहन झा‚ सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे़य से सहित सभी दलों के वरीय नेताओं और राज्य सरकार के मंत्रियों ने पसीना बहाया।
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को स्वतंत्र‚ निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की हिदायत दी है। इस चुनाव में मुकाबला अधिकतर सीटों पर सत्ताधारी राजग और महागठबंधन उम्मीदवारों के बीच है‚ लेकिन मधुबनी सीट पर राजद और भाजपा के बागी चुनावी दंगल में उतकर चुनाव को काफी रोचक बना दिया है। मधुबनी से राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी इंदु गुलाब यादव और निवर्तमान विधान पार्षद सुमन महासेठ निर्दलीय मैदान में खम ठोक रहे हैं‚ जिससे दोनों गठबंधन के नेताओं की परेशानी बढ़ गयी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार‚ चुनाव की सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है। सभी ५३४ प्रखंड़ मुख्यालयों में मतदान केंद्र बनाये गये हैं‚ जहां त्रि–स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। मतदान सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर बाद चार बजे तक होगा। मतगणना सात अप्रैल को सुबह आठ बजे से होगी। इस चुनाव में करीब १.३८ लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस बार के चुनाव को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने रोचक बना दिया है। राजनीतिक पार्टियां पहले इस चुनाव को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेती है‚ लेकिन इस बार के चुनाव में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के कूदने के बाद मुकाबला काफी रोचक हो गया है। सत्ताधारी राजग से जदयू ने ११‚ भाजपा ने १२ और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारा है। वहीं महागठबंधन से राष्ट्रीय जनता दल ने २३ और सीपीआई ने एक भागलपुर–बांका सीट पर उम्मीदवार उतारा है। जबकि कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ रही है। माकपा ने भी सहरसा–मधेपुरा–सुपौल सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा दिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने बताया कि चुनाव के दौरान मतदाता आयोग द्वारा दिये गये बैंगनी स्केच पेन का भी मतदान के लिए इस्तेमाल करेंगे‚ जो मतदाताओं को मतपत्र के साथ ही मतदान कर्मी के द्वारा दिये जायेंगे। अन्य कोई भी कलम या पेंसिल या बॉलपेन का इस्तेमाल मतदाता नहीं करेंगे। अगर मतदाता अपने पेन का इस्तेमाल करेंगे‚ तो मतगणना के दौरान वोट रद् कर दिया जायेगा। अभ्यर्थी के नाम के सामने स्थित अधिमानता क्रम वाले स्तंभ में अपने पहले पंसद के अभ्यर्थी को अंक १ लिखकर मतदान करें। चुने जाने के लिए अभ्यर्थियों की संख्या एक से अधिक रहने पर भी अंक १ सिर्फ एक ही अभ्यर्थी के सामने अंकित किया जायेगा। प्रत्येक मतदाता अधिकतम उतनी अधिमानतायें अंकित कर सकता है ‚ जितने चुनाव लडने वाले अभ्यर्थी होंगे। शेष बचे हुए अभ्यर्थियों के लिये अपनी अगली अधिमानतायें बाद के अंकों २‚ ३‚ ४ आदि के रूप में अपनी अधिमानता के आधार पर अंकित करें। किसी भी अभ्यर्थी के नाम के सामने केवल एक ही अंक अंकित करें समान अंक एक से अधिक अभ्यर्थी के नाम के सामने नहीं अंकित किया जाना चाहिये। अधिमानता केवल अंकों में जैसे १‚ २‚ ३ आदि में अंकित किया जायेगा। अधिमानता शब्दों में जैसे एक‚ दो‚ तीन आदि में नहीं अंकित किया जायेगा।
अंकों को भारतीय अंक के अंतर्राष्ट्रीय रूप जैसे १‚ २‚ ३‚ ४‚ ५ आदि‚ या रोमन रूप आदि या संविधान की आठवीं सूची में मान्यता प्राप्त किसी भारतीय भाषा में अंकित किया जा सकता है। मतपत्र पर अपना हस्ताक्षर या आद्याक्षर या नाम या कोई शब्द नहीं लिखेंगे। अपने अंगूठे का निशान भी नहीं देंगे। अपनी अधिमानता दर्शाने के लिए सही का निशान या क्रॉस का निशान अंकित नहीं करें। ऐसे मतपत्र अस्वीकृत कर दिये जायेंगे। मतदाता को अपने मतपत्र को वैध बनाने के लिये आपको किसी एक अभ्यर्थी के सामने अंक १ अंकित करना चाहिये। अन्य अधिमानतायें केवल ऐच्छिक हैं अनिवार्य नहीं।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदाताओं को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए फोटो युक्त मतदाता फोटो पहचान पत्र (इपिक)‚ निर्वाचक से संबंधित वैसे दस्तावेज जो फोटोयुक्त हों और स्थानीय प्राधिकार द्वारा अपने सदस्यों के लिए निर्गत पहचान पत्र –इनमें से किसी एक दस्तावेज का उपयोग मतदाता अपनी पहचान स्थापित करने हेतु मतदान के दौरान करेंगे।