मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस को अपराध के अनुसंधान का काम ६० दिनों के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया है‚ ताकि ट्रायल चलाकर अपराधियों को त्वरित सजा दिलाई जा सके। शनिवार को एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पुलिस आधुनिकीकरण से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून का राज कायम रखने के लिए पुलिस की कार्य संस्कृति को दो हिस्सों (अनुसंधान एवं कानून व्यवस्था) में बांटा गया है। अनुसंधान का काम ६० दिनों के अंदर सुनिश्चित हो‚ ताकि ट्रायल चलाकर अपराधियों को त्वरित सजा दिलाई जा सके।
उन्होंने कहा कि अपराध को नियंत्रित रखने के लिए पुलिस बल में बहाली और प्रशिक्षण काफी महत्वपूर्ण है‚ इसलिए इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बिहार के क्षेत्रफल और आबादी को ध्यान में रखते हुए प्रति एक लाख की आबादी पर १५० से १६० की संख्या में पुलिस बल की तैनाती करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में तेजी से काम करें। इसके लिए सेवानिवृत्त हो रहे पुलिसकर्मियों के खाली पदों को भरने के अलावा जरूरत के मुताबिक नये पदों को भी सृजित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी सरकार ने वर्ष २०१४ में प्रति एक लाख की आबादी पर ११५ पुलिसकर्मियों की तैनाती का निर्णय लिया था‚ जिसे बढाने की जरूरत है। पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की क्षमता का और अधिक विस्तार हो। इस दिशा में भी तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी थानों को यथाशीघ्र अपना भवन उपलब्ध हो और उसमें महिला शौचालय एवं स्नानागार की सुविधा सुनिश्चित हो। खपरैल छतों वाले थाना भवनों की जगह अच्छे भवन बनवायें। लोगों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन सुविधा देना जरूरी है‚ लेकिन इसके साथ–साथ उसकी हार्ड़कॉपी भी जरूर रखें। इससे पूर्व राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक आधुनिकीकरण कमल किशोर सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पुलिस मॉडर्नाइजेशन स्कीम‚ ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर‚ पुलिस केंद्र के लिए भूमि एवं भवन की अद्यतन स्थिति‚ मॉडर्नाइजेशन ऑफ पुलिस फोर्स प्लान‚ थानों में वाहनों की स्थिति मेल व फीमेल बैरक बेड की अद्यतन स्थिति‚ इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल‚ डिजास्टर रिकवरी सेंटर‚ ऑनलाइन चरित्र प्रमाण–पत्र की सुविधा‚ थानों में आगंतुक कक्ष‚ महिला शौचालय एवं स्नानागार के निर्माण आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी‚ पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ‚ बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक विनय कुमार‚ गृह विभाग के जितेन्द्र श्रीवास्तव और अपर पुलिस महानिदेशक शोभा अहोतकर समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।