बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारे में मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा जोरों पर है। एक चर्चा यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यसभा जा सकते हैं और BJP से कोई CM बन सकता है। इन सब चर्चाओं को बल तब मिल गया जब दो दिन पहले बातों-बातों में नीतीश कुमार ने राज्यसभा जाने की चर्चा छेड़ दी। वहीं, हाल की उनकी राजनीतिक गतिविधि भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रही है। हालांकि, CM ने इन सभी बातों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है।
भास्कर के सूत्रों के अनुसार, बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में अप्रैल में बदलाव हो सकता है। कहा तो यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री के चेहरे पर BJP के अंदरखाने चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि, यह सब कुछ BJP और JDU की आपसी सहमति के बाद ही संभव है। अभी बिहार में विधान परिषद का स्थानीय निकाय वाला चुनाव है। साथ ही बोचहां विधानसभा का उपचुनाव होने वाला है। दोनों चुनाव के बाद ही यह तय हो पाएगा कि बिहार की राजनीति की ऊंट किस करवट बैठेगी।
चर्चाओं के पीछे हाल की 3 घटनाएं
- UP के CM योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में जाना और प्रधानमंत्री से मिलना। खास बात है कि मोदी युग में नीतीश कुमार BJP के मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में पहली बार शामिल हुए थे।
- अपने संसदीय क्षेत्र के निजी यात्रा पर नीतीश कुमार इन दिनों जा रहे हैं। अपने पुराने लोगों से हाल-चाल और आशीर्वाद ले रहे हैं।
- मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी टूटने पर भी नीतीश कुमार BJP के समर्थन में दिखे। उन्होंने BJP के कहने पर मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।
BJP से तीन नाम CM की रेस में
CM नीतीश कुमार को लेकर दो तरह की चर्चा है। कुछ लोग उन्हें उप राष्ट्रपति तो कुछ उनको रक्षा मंत्री की दौड़ में बता रहे हैं। सवाल यह है कि यदि नीतीश कुमार दिल्ली की राजनीति में चले जाते हैं तो बिहार का अगला CM कौन होगा। BJP की तरफ से CM के लिए तीन नामों पर चर्चा तेज है।
द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय इस रेस में सबसे आगे हैं। उनके साथ सकारात्मक पहलू यह है कि वो यादव है और बिहार में लालू यादव परिवार से सीधा मुकाबला कर सकते हैं। राय केंद्र के नेताओं के काफी करीब है। वहीं, तारकिशोर प्रसाद को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह अभी उप मुख्यमंत्री है। जातीय समीकरण के मुताबिक, पिछडे़ समाज से आते हैं। इसके बाद सम्राट चौधरी का नाम आ रहा है। यह जाति से कुशवाहा है। बहुत जल्द इन्होंने भाजपा में अपनी छवि एक कड़क नेता की बना ली है। केंद्रीय नेतृत्व के भी यह काफी नजदीक है।
नीतीश के विश्वासपात्र ही होंगे उप मुख्यमंत्री
इधर, बात JDU की करें तो वहां से उप मुख्यमंत्री के लिए भी कुछ नाम है, जिसे यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। उप मुख्यमंत्री के तौर पर उपेंद्र कुशवाहा का नाम पहले नम्बर पर आता है। CM नीतीश कुमार से नजदीक है और अभी तक इन्हें कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इनका जातीय समीकरण भी उप मुख्यमंत्री के पोस्ट के लिए फिट है। वहीं, दूसरा नाम और तीसरा नाम ललन सिंह और विजय चौधरी का है। दोनों की जाति भूमिहार है और ये अगडे़ समाज से आते हैं। यदि BJP की तरफ से पिछड़ा फेस दिया जाएगा तो, इन दोनों में से एक उप मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वही, अशोक चौधरी भी इस रेस में है। दलित समाज से आने वाले अशोक चौधरी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं। इन सबके बावजूद अंतिम फैसला नीतीश कुमार का होगा, वो किसे उप मुख्यमंत्री बनाते हैं।
MLC चुनाव और बोचहां उपचुनाव के बाद ही कुछ संभव
चर्चाओं के बीच वरिष्ठ पत्रकार अरुण पाण्डेय कहते हैं कि ऐसी कोई राजनीतिक घटना हाल में नहीं घटेगी। यदि कुछ संभव है तो वो मंत्रिमंडल के विस्तार की है। VIP से तीन विधायक BJP में शामिल हुए हैं उनमें से किसी एक को मंत्री बनाया सकता है। वैसे भी सब कुछ बोचहां विधानसभा के उपचुनाव और विधान परिषद के स्थानीय निकाय चुनाव के बाद ही संभव है।