बिहार बोर्ड (Bihar School Examination Board) ने 10वीं (10th) या मैट्रिक (Matric) परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस साल औरंगाबाद की रामायणी राय टॉपर बनीं हैं। रिजल्ट के पास प्रतिशत 79.88 रहा है। बाेर्ड ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट्स biharboardonline.bihar.gov.in व biharboardonline.com पर रिजल्ट जारी कर दिया है।
बिहार बोर्ड ने 10वीं रिजल्ट जारी कर दिया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) कार्यालय में गुरुवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिजल्ट जारी किया। इस बार 79.88 % परीक्षार्थी पास हुए हैं। परीक्षा में 16.11 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे, इनमें से 12.86 लाख विद्यार्थी सफल हुए हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल 1.71 % ज्यादा स्टूडेंट्स पास हुए हैं। औरंगाबाद की रामायणी रॉय 487 अंकों के साथ स्टेट टॉपर बनी हैं।
वहीं, 486 अंक लाकर नवादा की सानिया कुमारी और मधुबनी के विवेक कुमार ठाकुर दूसरे स्थान पर हैं। 485 अंकों के साथ औरंगाबाद की प्रज्ञा कुमारी तीसरे स्थान पर रहीं। खास बात है कि विवेक के पिता जहां दिल्ली में मजदूरी करते हैं, वहीं, सानिया के पिता मिठाई की दुकान चलाते हैं। छात्र biharboardonline.com व biharboardonline.bihar.gov.in पर जाकर इसे चेक कर सकते हैं।
34 दिन में जारी हुआ रिजल्ट
इस बार परीक्षा के 34 दिन के भीतर मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। परीक्षा 17 फरवरी से 24 फरवरी के बीच हुई थी। 25 फरवरी से ही कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हो गया था। ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के आंसर 8 मार्च को जारी किए गए थे। छात्रों को 11 मार्च तक आपत्तियों के लिए मौका दिया गया था। मैथ्स का पेपर मोतिहारी में लीक हो जाने के कारण यहां के 25 परीक्षा केंद्रों पर 24 मार्च को गणित की दोबारा से परीक्षा हुई। इसके कारण रिजल्ट में भी देरी हुई।



बता दें, 2021 में 78.17% स्टूडेंट्स पास हुए थे। 2020 में 80.59 % और 2019 में 80.73% स्टूडेंट्स इस परीक्षा में पास हुए थे। बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर ने कहा कि उच्च तकनीक से कड़ाई के साथ कॉपी जांच की गई है और रिकॉर्ड समय में रिजल्ट दिया गया है। 10 प्रश्न पत्र सेट तैयार किए गए थे।
टाॅप-10 में 47 स्टूडेंट्स
इस साल 10वीं के रिजल्ट में टॉप-10 में 47 बच्चे शामिल हैं। खास बात है कि इस बार भी टॉप-10 में 5 स्टूडेंट्स टॉपर्स फैक्ट्री के नाम से मशहूर सिमुलतला आवासीय विद्यालय, जमुई के हैं। यानी इस साल भी उसका जलवा बरकरार है। CM नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस स्कूल का 2015 से मैट्रिक परीक्षा में दबदबा बना हुआ है। 2015 के मैट्रिक परीक्षा में 30 छात्रों ने टॉप-10 में जगह बनाई थी, 2016 में 42 छात्रों ने मैट्रिक परीक्षा में टॉप-10 में स्थान पक्का किया था। 2019 में 16 और 2020 में 6 छात्र टॉप-10 में शामिल हुए थे, जबकि 2021 में भी 13 छात्र टॉप-10 में शामिल हुए।
टॉप-3 में शामिल स्टूडेंट्स को मिलेगा इनाम
मैट्रिक के प्रथम स्थान पर आए छात्र को एक-एक लाख रुपए के इनाम की घोषणा हो गई है। साथ ही एक-एक लैपटॉप, किंडर बुक रीडर, प्रशस्ति पत्र और मेडल भी मिलेगा। जबकि, दूसरे स्थान वाले सभी टॉपर को 75-75 हजार और तृतीय स्थान प्राप्त टॉपर को 50-50 हजार रुपए इनाम के तौर पर दिया जाएगा।

जानिए, रिजल्ट पर क्या बोले शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा, ‘हमें लग रहा था कि मार्च में हम रिजल्ट नहीं दे पाएंगे, लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सराहनीय काम किया है। देश में किसी भी परीक्षा समिति ने बोर्ड का रिजल्ट घोषित नहीं किया है। बिहार बोर्ड ने महज 34 दिन के अंदर परिणाम घोषित कर दिया।’
उन्होंने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों को आगे बढ़ाने का बड़ा काम हुआ है। ऊपर से टॉप-5 देखें तो उसमें 80 फीसदी लड़कियां ही हैं। पहले स्थान पर भी लड़की ही है। लड़कियों की सफलता से साफ संदेश है कि हम शिक्षा का टापू नहीं बना रहे हैं, बल्कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार को गांव-देहात तक पहुंचा रहे हैं।’
शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘आंकड़े बताते हैं कि 2019 में लगभग 69,000 स्टूडेंट्स ने सीबीएसई, आईसीएसई या दूसरे बोर्ड को छोड़कर बिहार बोर्ड से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा दी है। 2020 में यह संख्या और बढ़ गई जब 83,700 से अधिक दूसरे बोर्ड के छात्र-छात्राओं ने बिहार बोर्ड से परीक्षा दी। 2021 में एक लाख से अधिक छात्र-छात्राओं में दूसरे बोर्ड को छोड़कर बिहार बोर्ड से परीक्षा दी।’
मंत्री ने बताया, ‘परीक्षा प्रणाली में गुणात्मक सुधार हुआ है। उसका बहुत बड़ा असर पड़ रहा है। इसमें ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों होते हैं। मार्किंग पैटर्न से लेकर प्रश्न की फॉर्मेटिंग होती है। यह सब प्रतियोगिता परीक्षाओं से मिलता-जुलता होता है। नतीजा बिहार बोर्ड में जो छात्र परीक्षा देते हैं, उनका रिहर्सल अगली प्रतियोगी परीक्षा के लिए हो जाता है।’
मोतिहारी में मैथ्स की परीक्षा दोबारा होने से देरी
मैट्रिक की परीक्षा 17 फरवरी से 24 फरवरी के बीच हुई थी। 25 फरवरी से ही कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य शुरू हो गया था। 10वीं की परीक्षा के ऑब्जेक्टिव प्रश्नों की आंसर की 8 मार्च को जारी की गई थी और छात्रों को 11 मार्च, 2022 तक आपत्तियों के लिए मौका दिया गया था। मैथ्स का पेपर मोतिहारी में लीक हो जाने के कारण यहां के 25 परीक्षा केंद्रों पर 24 मार्च को गणित की दोबारा से परीक्षा आयोजित की गई। इसके कारण रिजल्ट में भी देरी हुई।

जमुई के सिमुलतला आवसीय विद्यालय का रह सकता है दबदबा
इस बार भी मैट्रिक के रिजल्ट में जमुई के सिमुलतला आवासीय विद्यालय के स्टूडेंट्स का दबदबा रहने की संभावना है। कई छात्रों को टॉपर वैरिफिकेशन के लिए पटना बोर्ड ऑफिस में बुलाया गया था। इसके अलावा चंपारण की भी एक छात्रा को बुलाया गया है।
टॉप-3 में शामिल स्टूडेंट्स को मिल सकता है इनाम
मैट्रिक के प्रथम स्थान पर आए छात्र को एक-एक लाख रुपए के इनाम की घोषणा हो सकती है। इसके साथ ही एक-एक लैपटॉप, किंडर बुक रीडर, प्रशस्ति पत्र और मेडल भी मिल सकता है। जबकि दूसरे स्थान वाले सभी टॉपर को 75-75 हजार और तृतीय स्थान प्राप्त टॉपर को 50-50 हजार रुपए इनाम के तौर पर दिए जा सकते हैं। ये राशि पिछले दो साल से टॉपर्स को मिल रही है।
पिछले साल मिले थे सबसे अधिक टॉपर मिले थे
कोविड के पीक पर होने के बाद भी पिछले साल 78.17% स्टूडेंट्स पास हुए थे। साथ ही टॉप-10 में सबसे अधिक 101 विद्यार्थी शामिल थे। 2020 में 41 स्टूडेंट्स् टॉप-10 में थे, जबकि 2019 में 18 छात्र-छात्राएं थे।