देश में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार को लेकर राजनीति शुरू है. ‘द कश्मीरी फाइल्स’ फिल्म में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई हिंसा को दिखाया गया है. इसके बाद देश में एक बार फिर कश्मीरी पंडितों का मुद्दा गरमा गया है. कई राज्यों में तो ‘द कश्मीरी फाइल्स’ को टैक्स फ्री घोषित कर दिया गया है, ताकि इस फिल्म को ज्यादा-से-ज्यादा देख सकें. इस फिल्म के जरिए देशवासियों को पता चल रहा है कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के साथ क्या हुआ और वे क्यों अपने घरवार छोड़कर पलायन को मजबूर हो गए थे.
द कश्मीर फाइल्स फिल्म के बाद कश्मीरी पंडितों की संस्था रूट्स इन कश्मीर ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की. 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए रिव्यू याचिका खारिज कर दी थी कि नरसंहार के 27 साल बाद सबूत जुटाना मुश्किल है, लेकिन नई याचिका में कहा गया है कि SC ने 33 साल बाद 1984 के दंगों की जांच करवाई. इस मामले में भी ऐसा करने की याचिका है.