अटल बिहारी वाजपेयी के नाम वाले स्टेडियम में शुक्रवार को जब योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे तो वहां ना सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद होंगे, बल्कि एनडीए के सहयोगियों को भी न्योता भेजा गया है। एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी का गवाह बनेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
उत्तर प्रदेश में फिर से बीजेपी ने बहुमत हासिल किया है. मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ दूबारा शपथ ग्रहण करने वाले हैं. लखनऊ में 25 मार्च को योगी सीएम पद की शपथ लेंगे. योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भाजपा-सहयोगी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री शामिल होंगे. सबसे खास बात तो यह कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शपथग्रण समारोह में शिरकत करेंगे. और उनके साथ होंगे बिहार के दोनों उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी.
बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के आमंत्रण पर सीएम नीतीश लखनऊ जाएंगे. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कल दोपहर 12:30 बजे चार्टर्ड प्लेन से पटना से लखनऊ के लिए रवाना होंगे. लखनऊ पहुंचकर वे योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.
बुधवार को हुए बिहार कैबिनेट की बैठक के बाद आपसी बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के चर्चा के दौरान यह तय हुआ था कि बिहार विधानसभा के बजट सत्र के कारण सिर्फ उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद जाएंगे, लेकिन बीजेपी के बुलावे पर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जाने के लिए तैयार हो गए हैं. उनके साथ दोनों डिप्टी सीएम और बीजेपी के अन्य नेता भी साथ जा सकते हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री कल डेप्युटी सीएम तारकिशोर प्रसाद के साथ एक विशेष विमान से शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। दूसरे कई केंद्रीय मंत्री और करीब 15 राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। भाजपा ने इसे बड़ा इवेंट बताया है क्योंकि 1952 के बाद योगी पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो यूपी में लगातार पांच साल तक शासन के बाद सत्ता में लौट पाए हैं।
नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए की सबसे पुरानी सहयोगी है और इसे समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। बीच में कुछ महीनों को छोड़ दें जेडीयू ने वर्षों से भाजपा का साथ निभाया है, जबकि एनडीए के दो और पुराने सहयोगी शिवसेना और अकाली दल ने रास्ते अलग कर लिए हैं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू की सीटें भाजपा से काफी कम रहीं, इसके बावजूद भगवा पार्टी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री स्वीकार किया।
हालांकि, यूपी में बीजेपी की ओर से गठबंधन से इनकार किए जाने के बाद जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ा था, लेकिन नीतीश कुमार प्रचार में नहीं उतरे थे। संभवत: उन्हें मोदी और योगी के लिए इस तरह के चुनावी नतीजों का अनुमान था। यूपी में जेडीयू का खाता नहीं खुला। यह एक दुर्लभ मौका है जब नीतीश कुमार दूसरे राज्य के किसी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे। नीतीश का योगी के शपथ ग्रहण में शामिल होना इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले कुछ समय में इस तरह की अटकलें लगी हैं कि बिहार में गठबंधन साथियों के बीच सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।