जगमगा रही है बिहार की विरासत। इतिहास‚ साहित्य और कला के सर्वोत्कृष्ट क्लासिक के रूप में जाना जाता है बिहार। मंगलवार को तीन दिवसीय बिहार दिवस के भव्य आयोजन का पहला दिन। सैकड़़ों की संख्या में गांधी मैदान यानी बिहार दिवस के मुख्य समारोह स्थल पर उमडा जनसैलाब इस बात की गवाही दे रहा है कि बिहार की प्रगति के साथ लोग आगे चलने को तैयार हैं। ये वही चेहरे हैं‚ जिन्हें भगवान बुद्ध और महावीर की धरती पर जन्म लेने का गर्व है। कोरोना महामारी के कारण दो वर्षों के बाद बिहार दिवस का आयोजन इस बार हो रहा है‚ तो ऐसे में उत्सव को हर कोई अपनी आंखों में बसा कर मानों दिल–दिमाग में संजोने को तत्पर दिखा। संस्कृति की गूंज और राज्य के गौरवमयी इतिहास का लेखा–जोखा थमा रहा है यह आयोजन। सरकार की मंशा भी यही है कि राज्य की वैभवशाली अतीत‚ सुखद वर्तमान और आने वाले स्वर्णिम भविष्य से जनता रू–ब–रू हो। ऐतिहासिक गांधी मैदान के चारो तरफ का नजारा यह दर्शा रहा है कि एक तरफ बिहार का गौरव नई ऊँचाइयों को नापने को तैयार है‚ वहीं बिहारीपन का अहसास बिहारियों के नये तेवर को उमंगों की दुनिया की सैर करा रहा है। भव्य बिहार की रौनक भरी शाम ने महोत्सव को अक्कासी के रंग में रंग दिया है।
‘बिहार’ शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ‘तबकात–ए–नासिरी’ के दस्तावेज में मिलता है‚ जो वर्ष१३२० में लिखा गया। जब अकबर ने दिल्ली में हिंदुस्तान की गद्ी संभाली‚ तो उसने अपने शासन को सुव्यवस्थित करने के लिए पूरे हिंदुस्तान को १२ प्रांतों में बांटा और उनमें से एक का नाम रखा ‘बिहार।’ ‘आईना–ए–अकबरी’ के अनुसार‚ पूरे हिंदुस्तान में गंगा–जमुनी संस्कृति की नींव रखने वाले अकबर ने वर्ष १५८० में इस भू–भाग को सूबा बिहार नाम देकर उसने पूरे हिंदुस्तान के राजनीतिक भूगोल को एक मजबूत इकाई के रूप में प्रतिष्ठापित करने का प्रयास किया।
बिहार सरकार हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाती है। मंगलवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में CM नीतीश कुमार ने समारोह का उद्घाटन किया। इसके बाद ड्रोन शो समारोह में आर्कषण का मुख्य केंद्र रहा। 500 ड्रोन की मदद से लेजर शो दिखाए गए। इसके बाद बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर के गानों से समारोह में सुरों की महफिल सजी। जल-जीवन-हरियाली थीम पर आधारित बिहार दिवस को लेकर राज्य के सभी जिलों में कार्यक्रम हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने के तीन साल बाद इस बार यह आयोजन हो रहा है।
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘बिहार में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। किसी भी क्षेत्र को छोड़ा नहीं जा रहा है। बिहार का जो गौरव था, उसे प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। नालंदा विवि को फिर से स्थापित किया गया। उसके पुराने अवशेषों को विश्व धरोहर के रूप में लाने की कोशिश है। अल्पसंख्यक, महिला, अनुसूचित जाति-दलित का विकास हुआ। कभी यहां शाम में लोग निकलते नहीं थे, पर अब ऐसा नहीं है। लगातार विकास की कोशिश की जा रही है। हालांकि, कुछ लोग गड़बड़ कर रहे हैं। उनके चक्कर में नहीं पड़ना है।’
मुख्य आयोजन गांधी मैदान में हो रहा है। वहीं, कुछ कार्यक्रम श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में किया जा रहा है। इस अवसर पर गांधी मैदान में VIP पवेलियन, किलकारी पवेलियन, जन शिक्षा पवेलियन और स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति के लिए सांस्कृतिक पवेलियन बनाए गए हैं। जिसमें विभिन्न कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। पहली बार गांधी मैदान में 500 ड्रोन से ड्रोन शो किया जा रहा है।
कर्ण कथा, गजल और सुरों की सजेगी महफिल
बिहार दिवस का आयोजन 22, 23 और 24 मार्च यानी तीन दिनों तक चलेगा। ड्रोन का करतब गांधी मैदान में किया जा रहा है। आज कैलाश खेर, रेखा भारद्वाज और सुखविंदर सिंह का गायन मुख्य मंच की सबसे बड़ी खूबसूरती होगी। एसकेएम में मेहमूद फारुखी कर्ण कथा सुनाएंगे। अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को गजल गाते हुए आप सुन सकेंगे। ठुमरी गाने सुरेन्द्र शर्मा आएंगे।
गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम
- कैलाश खेर का गायन- 22 मार्च को शाम 7:45 से 10:00 तक
- रेखा भारद्वाज का गायन- 23 मार्च को 10:30 से 9:30 बजे तक
- पटना वीमेंस कॉलेज की छात्राओं द्वारा जल-जीवन- हरियाली थीम पर नृत्य- 22 मार्च को संध्या 7:30 से 7:45 बजे तक
- उर्वशी चौधरी का कार्यक्रम -23 मार्च को संध्या 7:15 से 7:30 बजे तक
- सत्येंद्र कुमार संगीत का गायन- 24 मार्च को संध्या 7:15 से 7:30 बजे तक
श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल पटना में प्रस्तुत होने वाले कार्यक्रम
- मेहमूद फारूकी कर्ण कथा सुनाएंगे – 22 मार्च को संध्या 6:30 बजे से 7:00 बजे तक
- रंजना झा का लोकगीत – 22 मार्च को रात्रि 10:00 बजे से 7:45 बजे तक
- प्राची पल्लवी साहू का कथक नृत्य- 22 मार्च को रात्रि 8:00 बजे से 8:30 बजे तक
- नीतू कुमारी नूतन लोक गीत गाएंगे 22 मार्च को रात्रि 8:40 से 9:30 बजे तक
- नीलम चौधरी द्वारा निनाद- 23 मार्च संध्या 6:30 से 7:30 बजे तक
- अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन द्वारा गजल गायन – 23 मार्च को रात्रि 7:45 से 9:30 बजे तक
- लावणी राज द्वारा कथक नृत्य- 24 मार्च को शाम 6:30 बजे से 7:00 बजे तक
- सुनंदा शर्मा द्वारा ठुमरी गायन- 24 मार्च को रात्रि 7:10 बजे से 8:00 बजे तक
- लव बंदिश ब्लिस द्वारा फ्यूजन- 24 मार्च को रात्रि 8:10 से 9:30 बजे तक