कश्मीर के मुद्दों पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री करने की मांग की जा रही थी, जिसको बिहार सरकार ने मान लिया है। द कश्मीर फाइल्स फिल्म को अब बिहार में टैक्स फ्री कर दिया गया है। बुधवार देर रात बिहार सरकार ने इस आदेश को पास कर दिया है।
17 मार्च से जिन-जिन सिनेमाघरों में कश्मीर फाइल्स फिल्म दिखाई जा रही है। उन्हें SGST नहीं देना होगा। क्योंकि बिहार सरकार ने इस फिल्म से अपने टैक्स हटा लिए हैं। जब एक फिल्म से राज्य सरकार टैक्स हटाती है तो क्या गणित होता है इसे समझना चाहिए।
टैक्स घटना से SGST कम हुई
सरकार की तरफ से मनोरंजन पर 18 फीसदी टैक्स निर्धारित किया गया है। इसे GST के रूप में लिया जाता है। और यह GST आधे-आधे भाग में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खजाने में जाती है। अब मान लिया जाए कि किसी सिनेमा हॉल में एक टिकट की कीमत ₹100 निर्धारित है। उसमें 18 फीसदी मनोरंजन कर है यानी कि टिकट की कीमत ₹82 होती है और लोगों को ₹100 चुकाने होते हैं। अब जब राज्य सरकार अपना टैक्स फ्री करेगी तो उस मनोरंजन कर से SGST कम होगी। क्योंकि CGST केंद्र सरकार के हाथ में होता है। तो लोगों को सिर्फ ₹9 का ही फायदा हो पाएगा और उन्हें ₹91 टिकट के देने होंगे।
सिनेमाघर के मालिकों को नुकसान
बिहार और दूसरे राज्यों में जब फिल्में टैक्स फ्री होती हैं और उसकी घोषणा राज्य सरकार करती है तो माना जाता है कि राज्य सरकार उस फिल्म से टैक्स नहीं कमाएगी। लेकिन इसका नुकसान ज्यादातर सिनेमाघर के मालिकों को ही चुकाना पड़ता है। नाम नहीं बताने के अनुरोध पर एक सिनेमाघर के मालिक ने बताया कि जब सरकार सिनेमा को टैक्स फ्री करती है तो अगले दिन से ही टिकट से SGST कम कर दिया जाता है और लोगों को कम कीमत पर टिकट देकर सिनेमा दिखाया जाए लगता है।
सरकार की तरफ से यह आदेश होता है वह टैक्स पूरा जमा करेंगे और उन्हें सरकार रिम्बर्समेंट देगी। लेकिन तमाम प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद भी राज्य सरकार सिनेमाघर के मालिकों को पैसा रिम्बर्स नहीं करती है। ऐसे में नुकसान सिनेमाघर के मालिकों को होता है। उन्हें राज्य सरकार की तरफ से त्वरित मदद नहीं मिलता है।
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर बिहार का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। राजद और कांग्रेस जैसी पार्टियां इस फिल्म को एक साजिश बता रही हैं और इसके जरिए भाजपा पर अपना एजेंडा सेट करने का आरोप लगा रही हैं। यूं तो देश भर में एक तबका इस फिल्म को लेकर भाजपा और केंद्र की सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है, लेकिन बिहार में बात आगे बढ़ गई है। राजद अध्यक्ष लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) के करीबी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने इस मसले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) को भी लपेट लिया है। पहले तो उन्होंने खुद नीतीश कुमार को यह फिल्म देखने की सलाह दी और अब कहा है कि वे देश में आग लगा रहे हैं।
इस फिल्म को बिहार में टैक्स फ्री करने के राज्य सरकार के फैसले के बाद राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि केंद्र सरकार देश में आग लगाने के लिए इस फिल्म का इस्तेमाल कर रही है। खेद है कि मेरे मित्र नीतीश कुमार ने भी एक लुकाठी अपने हाथ में थाम लिया है। शिवानंद ने कहा कि विवादित फिल्म को बिहार में टैक्स फ्री करने के पहले नीतीश कुमार को स्वयं देख लेना चाहिए। मुझे उम्मीद भी ऐसी ही थी। इंटरनेट मीडिया के जरिए मैैंने आग्रह भी किया था, क्योंकि इस फिल्म का निर्माण एजेंडा के तहत किया गया है।
भाजपा समर्थित सरकार की विफलता का लगाया आरोप
शिवानंद ने कहा कि सच है कि सन 90 में कश्मीरी पंडितों को वहां से भगाने के लिए आतंकियों ने हिंसक अभियान चलाया था, लेकिन रक्षा करने की जवाबदेही वहां की सरकार की थी। तब कश्मीर में शेख अब्दुल्ला की सरकार थी और गवर्नर थे भाजपा के दुलरुआ जगमोहन। केंद्र में भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार थी। वह सरकार क्या कर रही थी। कश्मीर में जो भी हुआ वह दोनों सरकारों की विफलता थी।