देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों के सियासी मायने स्पष्ट हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व‚ उनकी गरीब कल्याण योजनाओं की नीतियां और उनके मार्गदर्शन में डबल इंजन वाली भाजपा की राज्य सरकारों के सुशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार जन–सेवा को अपना धर्म माने तो एंटी–इनकम्बेंसी नाम की कोई चीज नहीं होती‚ यह प्रो–इनकम्बेंसी में बदल जाया करती है। उत्तर प्रदेश‚ उत्तराखंड‚ मणिपुर और गोवा के चुनाव परिणाम इसी बात की ओर इशारा करती हैं कि जनता ने अब समझ लिया है कि विकास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही संभव है ।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पांच वर्ष के शासन के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिला। मणिपुर में पहली बार भाजपा को अपने दम पर बहुमत प्राप्त हुआ और गोवा में भाजपा ने पिछली बार के आंकडों में जबरदस्त सुधार करते हुए आधी सीटें जीत लीं। इसका मतलब भी स्पष्ट है कि जनता ने विकल्पों की ओर देखा तक नहीं। एक बात और कि जनता भी अब समझदार हो गई है। वह नहीं चाहती कि कोई खिचडी सरकार बने‚ इसलिए उन्होंने हर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। जनता ने भाजपा से पाला बदल कर जाने वाले अवसरवादियों को भी नहीं बख्शा और उन्हें धूल चटाई। उत्तर प्रदेश‚ उत्तराखंड‚ गोवा और मणिपुर में भाजपा की ऐतिहासिक विजय के सबसे बडे चेहरे दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय जन–नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। मैदान से लेकर पहाड तक‚ पूवाæत्तर से लेकर पश्चिम तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक केवल मोदी ही मोदी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इन चुनावों में भाजपा ने जाति के बंधनों को तोडते हुए समाज के सभी वर्गों का विश्वास जीता है‚ महिलाओं का विश्वास जीता है‚ गरीबों का विश्वास जीता है‚ दलितों और पिछडों का विवास जीता है‚ किसानों और व्यापारियों का भी विवास जीता है। एक ओर ये विकास की जीत है‚ बेहतर लॉ एंड आर्डर की जीत है‚ महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा की जीत है‚ ये लोकतंत्र और देश के संविधान की जीत है। वहीं‚ दूसरी ओर यह ध्रुवीकरण की राजनीति करने वालों की हार है‚ तुष्टिकरण एवं वोट बैंक पलिटिक्स की हार है‚ अपराधियों के संरक्षण की हार है‚ झूठ बोलने वालों की हार है‚ संविधान पर सवाल उठाने वालों की हार है। इस बार विधानसभा चुनावों में सारा मिथक टूट गया है। कोई कहता था कि यूपी में कोई सरकार दोबारा आ नहीं पाती है‚ कोई कहता था कि जो मुख्यमंत्री नोएडा आ जाए‚ उसकी हार हो जाती है‚ कोई कहता था कि उत्तराखंड में कोई सरकार दोबारा नहीं आ सकती‚ कोई कहता था कि मणिपुर और गोवा में कभी एक पार्टी की सरकार नहीं बन सकती–ये सारे मिथक इस बार टूटे हैं। इसका श्रेय निस्संदेह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और उनके मार्गदर्शन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्ड़ा की कुशल रणनीति और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की प्लानिंग को जाता है।
यूपी में इस बार विपक्ष के तमाम दुष्प्रचार के बावजूद भाजपा को २०१७ की तुलना में दो प्रतिशत अधिक वोट मिले। योगी आदित्यनाथ सरकार ने जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरीब कल्याण योजनाओं को घर–घर पहुंचाया‚ कानून–व्यवस्था को जिस तरह चाक–चौबंद बनाया और महिलाओं की सुरक्षा जिस तरह सुनिश्चित की‚ उसने विपक्ष के तमाम दावों की पोल खोलते हुए विजय की पटकथा काफी पहले ही लिख दी थी। इसी कमरे में बैठ कर तथाकथित राजनीतिक विश्लेषक भाजपा के खिलाफ हवा की बात कर रहे थे‚ लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि देश के गांव‚ गरीब‚ किसान‚ दलित‚ पीडित‚ शोषित‚ वंचित‚ पिछडे‚ युवा एवं महिलाओं के कल्याण के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार और भाजपा की डबल इंजन वाली सरकारों ने जो योजनाएं चलाई हैं‚ उसने मतदाताओं के मन से ‘इफ या ‘बट’ वाली मनः स्थिति को खत्म कर दिया है। हमारी सरकारों ने बिना किसी भेदभाव के‚ बिना किसी भ्रष्टाचार के विकास को हर जाति‚ हर वर्ग तक पहुंचाया। पहले कहा जाता था कि केंद्र से एक रुपया भेजा जाता है तो आम जनता तक पहुंचते–पहुंचते यह महज १४ पैसे ही रह जाता है‚ जबकि हमारी सरकार में यदि केंद्र से एक रुपया भेजा जाता है तो भाजपा की राज्य सरकारें भी इसमें अपनी ओर से और पैसा जोडती है और गरीबों तक पहुंचते–पहुंचते एक रुपया‚ डेढ रुपया बन जाता है। कोरोना काल में दो वर्षों से देश के ८० करोड लोगों तक हर महीने मुफ्त राशन पहुंचाया जा रहा है‚ सभी देशवासियों को मुफ्त कोविड वैक्सीन लगाई गई‚ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश भर में ढाई करोड से अधिक घर बनाए गए‚ १० करोड से अधिक शौचालय का निर्माण हुआ‚ ९ करोड गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया‚ कोरोना काल में पहली और दूसरी लहर में तीन–तीन गैस सिलिंडर मुफ्त दिए गए‚ लगभग ५५ करोड लोगों को आयुष्मान भारत का कवच दिया गया‚ लगभग ४३ करोड लोगों के जन–धन एकाउंट खोले गए‚ १० करोड से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत १० किस्तों में अब तक १.८० लाख करोड रुपये से अधिक की राशि पहुंचाई जा चुकी है‚ किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंान योजना की शुरुआत की गई‚ युवाओं के लिए स्टार्ट–अप‚ स्टैंड–अप और मुद्रा योजना ने उनकी तकदीर बदलने का काम किया–इन सभी योजनाओं ने देश के जन–जन के मन में यह विश्वास पैदा किया है कि मोदी हैं तो उन्हें किसी बात की चिंता नहीं‚ मोदी हैं तो वे सुरक्षित हैं‚ मोदी हैं तो उनकी आमदनी बढेगी‚ मोदी है तो उनका विकास होगा।
मतलब यह कि नरेन्द्र मोदी हैं तो हर चीज मुमकिन है। २०१४ में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी‚ तब उस वक्त महज ७ राज्यों में भाजपा या भाजपा गठबंधन की सरकार थी‚ जबकि १४ राज्यों में कांग्रेस सरकार में थी। आज की तारीख में १८ राज्यों में भाजपा की सरकार है और कांग्रेस केवल दो राज्यों में सिमट कर रह गई है। बडी जीत‚ बडी जिम्मेदारी लेकर आती है। जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पर जो विश्वास जताया है‚ हमें उनके विश्वास पर‚ उनकी आकांक्षा पर हमें खडे उतरना है और हम ऐसा करने के लिए कृतसंकल्पित हैं॥।