पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू हो गई है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में हार के कारणों की समीक्षा और भविष्य की रणनीति पर मंथन हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं। बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, हरिश रावत, मल्लिकार्जुन खड़गे और अंबिका सोनी समेत दिग्गज नेता मौजूद हैं।
बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी की कमान संभाले। उन्होंने कहा कि हार से घबराने की जरूरत नहीं है। भाजपा चुनाव के समय में हिंदु-मुस्लिम करती है और बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों को पीछे कर देती है।
राहुल गांधी के समर्थन में आए कार्यकर्ता
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान कांग्रेस हेडक्वाटर्स के बाहर कार्यकर्ता जमा हुए और उन्होंने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर नारेबाजी की। इसके साथ ही उन्होंने प्रियंका गांधी के समर्थन में भी नारे लगाए।
लीडरशिप में बदलाव की खबरों को पार्टी ने खारिज किया
इससे पहले, पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की लीडरशिप में बदलाव की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने एक ट्वीट करके कहा- ‘कथित इस्तीफे की खबर पूरी तरह से अनुचित, शरारती और गलत है। एक टीवी चैनल भाजपा के कहने पर काल्पनिक स्रोतों के आधार पर कहानियां पेश कर रहा है।’
लीडरशिप से असंतुष्ट सदस्य भी बैठक में शामिल
सभी की निगाहें पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका पर हैं। बैठक में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के वे सभी सदस्य भी मौजूद हैं, जिनकी पांच राज्यों के चुनावों में प्रत्याशी चुनने से लेकर चुनाव मैनेजमेंट तक में प्रमुख भूमिका रही। कांग्रेस नेतृत्व से असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 के सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी CWC के सदस्य हैं।
पार्टी नेताओं पर अध्यक्ष चुनने का दबाव
CWC की बैठक एक बड़ी सभा होती, जिसमें 60 से अधिक स्थायी आमंत्रित और विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल होते हैं। सूत्रों ने कहा कि चुनावी हार के मद्देनजर पार्टी भीतर भी रोष है। 2019 के लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद पार्टी के असंतुष्ट नेताओं ने जी-23 बनाया था। तब सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष तो बना दिया गया, लेकिन तब से अब तक लगभग तीन साल में पार्टी अपना अध्यक्ष नहीं बना सकी है।
CWC मेंबर सुरजेवाला के मुताबिक, हम चुनाव हारें या जीतें, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश की जनता के साथ लगातार खड़ी है. हम महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, ढांचागत विकास जैसे जनता के मुद्दों को जिम्मेवारी के साथ उठाते रहेंगे. हम हार के कारणों पर गहन दृष्टि से आत्ममंथन और आत्मचिंतन दोनों करेंगे, संगठन पर काम करेंगे और भविष्य में और बेहतर प्रयास करेंगे.
विदित हो कि देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और उत्तर प्रदेश में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर नया मुकाम हासिल किया है. कांग्रेस के प्रदर्शन की बात करें तो पार्टी को यूपी में 2, गोवा में 11, मणिपुर में 5, पंजाब में 18 और उत्तराखंड में 19 सीटें हासिल हुई हैं जो कि बहुमत के आंकड़े से कोसों दूर हैं.