पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न चुनाव के बाद पार्टियां समीक्षा और नई रणनीतियां बनाने में जुटी हुई हैं। हारने वाली पार्टियां नतीजों पर मंथन कर रही हैं, वहीं जीतने वाले दल सरकार बनाने को लेकर तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसी बीच प्रचंड बहुमत से जीत के बाद आज योगी आदित्यनाथ के दिल्ली आकर पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा से मिलने का कार्यक्रम है, वहीं कांग्रेस में आज हार पर मंथन के लिए बैठक होगी। उधर, आम आदमी पार्टी पंजाब की ऐतिहासिक जीत के बाद आज अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान अमृतसर में रोड शो करेंगे। उधर, गोवा और मणिपुर में भी सरकार बनाने को लेकर हलचलें तेज हैं।
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी बड़े काम को अंजाम देने से पहले होमवर्क जरूर करते हैं। उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष तक सरकार चलाने के बाद अब वह प्रदेश में लगातार दूसरी बार भाजपा की ताजपोशी की तैयारी में लगे हैं। वह आज दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी से भी भेंट करने पहुंचे हैं। प्रदेश के एक्टिंग सीएम योगी आदित्यनाथ का दिल्ली प्रवास दो दिन का माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को दिल्ली पहुंचे। उन्होंने सात, लोक कल्याण मार्ग जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। नई दिल्ली में आज पहुंचने के बाद योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से मुलाकात की। बीएल संतोष यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बेहद सक्रिय रहे और लगातार दौरा कर संगठन मजबूत करने का काम किया। योगी आदित्यनाथ और बीएल संतोष की इस मुलाकात के दौरान केन्द्रीय मंत्री सर्वानंद सोनवाल भी मौजूद थे।
पीएम नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ आज दिल्ली की बैठक में योगी आदित्यनाथ को प्रदेश में नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख तय करने के साथ मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों तथा डिप्टी सीएम के नाम तय होने हैं। इस मिशन के लिए भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में शनिवार को होमवर्क किया।
उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का पूरा फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी होगा। उत्तर प्रदेश के 80 सांसद देश की सरकार की दिशा तथा दशा तय करते हैं। प्रदेश में भाजपा की लगातार दूसरी सरकार के गठन के दौरान भी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जातीय तथा क्षेत्रीय संतुलन पर जोर देगा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह तथा महामंत्री संगठन सुनील बंसल की राय पर भी ध्यान दिया जाएगा।
चर्चा का विषय नया मंत्रिमंडल : अब प्रदेश में नये मंत्रिमंडल को लेकर तमाम चर्चाएं हैं। इनमें सबसे अधिक चर्चा का विषय प्रदेश के उपमुख्यमंत्री का पद है। इसके साथ ही पिछली सरकार के कैबिनेट, स्वतंत्र प्रभार तथा राज्य मंत्रियों के कद का भी आंकलन चल रहा है। 11 मंत्रियों तथा उप मुख्यमंत्री के चुनाव हारने के बाद कम से कम डेढ़ दर्जन नए विधायक भी मंत्री बन सकते हैं। इनमें भाजपा के साथ सहयोगी दल निषाद पार्टी तथा अपना दल हैं। इनमें से एक-एक कैबिनेट मंत्री तथा अन्य स्वतंत्र प्रभार तथा राज्य मंत्री भी बनेंगे।