जैसे ही यूपी का चुनाव परिणाम मतदान मशीन से निकलकर बाहर आए झल्लन ने पास‚ पासब और सग्रेकां नाम की तीन अडि़यल–कडि़यल औरतों को अपनी चौपाल–ए–चकल्लस पर ला बिठाया। चुनाव के बाद आये सारे निर्गम मतानुमान निर्मम होकर इनकी हार को अवश्यंभावी बता रहे थे और पाजभा को जीता हुआ दिखा रहे थे। पर ये तीनों उछल–उछलकर इन मतानुमानों को चैनिलया प्रलाप‚ फर्जी और पक्षपाती बता रही थीं और ताल ठोंक–ठोंककर अपनी–अपनी जीत के दावे आगे बढ़ा रही थीं। अब चुनाव परिणाम आ गये थे‚ तस्वीर साफ हो गयी थी और जैसा कि मतानुमान बता रहे थे पाजभा फिर मनचाहा प्रचंड बहुमत पा गयी थी। वह पाजभा को भी अपनी चौपाल में बुलाना चाहता था पर वह नाच रही थी‚ गा रही थी‚ अपनी जीत का जश्न मना रही थी और अपने मंत्रिमंडल में किसे घटाना है‚ किसे जोड़ना है अपना बहीखाता खोलकर इसका हिसाब–किताब लगा रही थी।
अब झल्लन सग्रेकां से मुखातिब हुआ जो दिख तो पूरी की पूरी रही थी फिर भी आधी–अधूरी सी लग रही थी। झल्लन बोला‚ ‘क्यों री‚ तू तो लड़की होकर लड़ रही थी और जहां कहीं भी किसी महिला का उत्पीड़न उजागर हुआ तू वहां की ढ्योड़ी चढ़ रही थी‚ बाकी सबको जनविरोधी बताकर स्वयं अपनी शान में कसीदे पढ़ रही थी। पर देख तूने कुछ नहीं पाया‚ तेरे हाथ कुछ नहीं आया। अब ये बता‚ क्या तुझे सचमुच नहीं पता नहीं था कि ये चुनाव तेरी सारी चमक–दमक धो जाएगा और तेरा यह हश्र हो जाएगाॽ’ सग्रेकां ने झल्लन की ओर हिकारत से निहारा और प्रतिक्रिया में एक भी शब्द नहीं उचारा॥। झल्लन ने अब पासब पर निगाह डाली और अपने सवाल की फिरकी उसकी ओर उछाली‚‘अब तू बता‚ तुझे पता था कि तेरा हाथी गठिया गया है‚ तेरे खूंटे से बंधा–बंधा बुढ़िया गया है फिर तू काहे हल्ला मचा रही थी कि ये हाथी सरपट दौड़ लगाएगा‚ सारे वोट बटोर लाएगा और तुझे अपनी सूंड़ से उठाकर फिर से सत्ता की सवारी कराएगा। जब पूर्वानुमान तेरे हाथी को हांफकर बैठा हुआ दिखा दिये थे‚ तुझे तेरी औकात बता दिये थे फिर भी तू हर चैनल पर चीख रही थी कि हाथी आया‚ हाथी आया‚ सत्ता लाया‚ सत्ता लाया। पूर्वानुमान झूठे हैं‚ परिणाम आएंगे तो तस्वीर साफ हो जाएगी‚ जिसे ये जीता हुआ बता रहे हैं वह पार्टी सर पटककर मर जाएगी और सत्ता तेरे हाथी पर सवार होकर तुझे ही राजमुकुट पहनाएगी। तुझे मरघिल्ले हाथी पर दांव लगाने में क्या मजा आया‚ देख क्या परिणाम आया‚ तेरा हाथी उत्तर प्रदेश के इस कोने से उस कोने तक तो दूर चार कदम भी नहीं चल पाया। अब परिणाम आ गये हैं‚ तुझे तेरा आईना दिखा गये हैं‚ तब तुझे कैसा लग रहा है‚ क्या तेरे अंदर ग्लानि का कोई भाव नहीं जग रहा हैॽ’ पासब चिल्लाकर बोली‚‘खबरदार‚ जो तूने हमारे हाथी के बारे में ऐसा–वैसा कहा तो। हमारा हाथी अब भी हमारी महारानी को ढो रहा है‚ उसे अब क्या फर्क पड़ता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है। हम अपने हाथी की प्रशंसा में कभी कमी नहीं लाएंगे‚ भले ही मिट जायें पर अगले चुनाव में भी इसी हाथी को चलाएंगे और जब भी मौका मिलेगा इसकी जीत की दुंदुभी बजाएंगे। कोई और सुने न सुने पर हाथी पूजकों को सुनाते आ रहे हैं सो आगे भी सुनाते जाएंगेॽ’
अब झल्लन ने पलटकर हमदर्दी से पास की ओर निहारा तो पास ने तुरंत उचारा‚ ‘सुन झल्लन‚ हम हारे नहीं हरवाए गये हैं‚ ईवीएम के हाथों मरवाए गये हैं।’ झल्लन बोला‚ ‘ईवीएम पर मत प्रहार कर‚ कुछ तो लाज कर। अगर ईवीएम किसी के इशारे पर नाचती तो तेरे जो दिग्गज जीतकर आये हैं उन्हें भी नचवा देती और अपना आंकड़ा तीन सौ के नीचे क्यों रखती‚ चार सौ के पार पहुंचवा देती। अगर ईवीएम तेरी दुश्मन पाजभा को हरा सकती है तो पाजभा की दुश्मन को पंजाब में क्यों झाड़ू चलाने देती और क्यों सबको एक ही बुहार में कूड़ेदान में डालने देती। अगर चुनाव में हार रहे हो तो फालतू का हो–हल्ला मत करो‚ गरिमा से हार स्वीकार करो।’ पास ने झल्लन को कटखनी नजर से देखा और बोली‚ ‘हम हारकर भी हार स्वीकार नहीं करते हैं और जो कुछ कहना चाहते हैं बेधड़क‚ बेलिहाज कहते हैं। हमने अपना प्रतिशत बढ़ाया है‚ अपने जीतकों की संख्या बढ़ाई है‚ सो हम तब तक क्रांतिकारी आंदोलन चलाएंगे जब तक कि जनता हथियार डाल नहीं देती और हमें पूर्ण बहुमत से नवाज नहीं देती।’
झल्लन बोला‚ ‘चल छोड़‚ ये बता तेरा वो पहलवान स्वामी कहां है जो उस गोद से उछलकर तेरी गोद में कूद आया था और उछलते–उछलते अपनी पुरानी गोद को नेस्तनाबूत करने का डंका बजा आया था। सुना है वो कह रहा है कि चुनाव हारकर भी यूक्रेन की तरह हार नहीं मानेगा और चाहे हर तरफ से पिट जाये पर हाथ–पैर जरूर मारेगा।’ पास बोली‚ ‘वह उधर से इधर कूद तो आया था पर अपने सारे वोट वहीं छोड़ आया था। ऐसा निन्कम्पूप हमारे किसी काम नहीं आएगा‚ सो यहां रहेगा तो रहेगा नहीं तो जहां कूदना चाहेगा फिर कूद जाएगा।’