विधानसभा अध्यक्ष के साथ लखीसराय में घटित घटना में सरकार का जवाब मांगे जाने को लेकर शुक्रवार को सदन में हंगामा हुआ‚ जिस कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही राजद के ललित यादव ने लखीसराय मुद्े पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा दो बार पारित निर्णय पर सरकार की ओर से अब तक की गयी कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी। इस पर भाजपा के हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि लखीसराय में इंस्पेक्टर और उप पुलिस अधीक्षक अब भी अपने पद पर बने हुए हैं। पार्टी लाइन से हटकर सभी सदस्यों ने इसका जोरदार विरोध किया और सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर इस मुद्े पर सरकार से तत्काल जवाब देने की मांग की।
राजद के भाई वीरेंद्र ने कहा कि विधायक का अपमान किया जा रहा है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदस्यों से प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया और कहा कि संसदीय कार्य मंत्री इस मुद्े पर जवाब देंगे। इस पर सदस्यों ने कहा कि इस मुद्े पर सरकार के जवाब देने के बाद ही सदन में कोई कार्य किया जायेगा। सभाध्यक्ष ने दोहराया कि सरकार विधायिका की ताकत और गरिमा के प्रति सतर्क है। संसदीय कार्य मंत्री सदन में मौजूद नहीं हैं‚ इसलिए जवाब कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद दिया जाएगा। हालांकि सदस्य अपनी मांग से एक इंच भी पीछे नहीं हटे‚ जिसके बाद उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने उनसे अनुरोध किया कि वे कार्यवाही शुरू करने दें। राजद सदस्यों ने कहा कि यह सभाध्यक्ष की गरिमा से जुड़ा मामला है‚ जो विधायकों का संरक्षक होता है। सभी सदस्यों ने जोर देकर कहा कि वे इस मुद्े पर सरकार के जवाब देने के बाद ही सदन को चलने देंगे। अपनी मांगों के समर्थन में विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि इस मुद्े पर सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है। वे सदन के बीच में आकर नारेबाजी करने लगे कि वे विधायिका को कमजोर नहीं होने देंगे और उसकी गरिमा को कम करने वाले किसी भी हमले को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभाध्यक्ष ने सदन को व्यवस्थित करने की कोशिश की लेकिन हंगामा कर रहे सदस्य नहीं माने। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी।