स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे़य ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को चार–चार लाख रुûपये की सहायता राशि दे रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पचास हजार रुपये की अतिरिक्त राशि दी जायेगी।
अब मृतक के आश्रितों के साढ़े चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जायेगी। राज्य में कोविड़ संक्रमण से अबतक १२‚८५८ मौतें होने की सूचना जिलों से मिली है। इनमें से ११६२५ के आश्रितों को चार–चार लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करा दी गयी है जबकि १०९०९ आश्रितों को ५० हजार रुपये की दर से अनुमान्य राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष बचे हुए आश्रित परिवारों को शीघ्र भुगतान कर दिया जायेगा। मंत्री मंगलवार को बिहार विधान परिषद में जदयू के नीरज कुमार के तारांकित का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित होने के कारण राज्य में मृत व्यक्तियों के निकटतम‚ राज्य के बाहर हुई मृत्यु के मामले में स्थानिक आयुक्त‚ बिहार भवन‚ नई दिल्ली के द्वारा मृतक की जिस राज्य में मृत्यु हुई हो उस राज्य सरकार से समन्वय स्थापित करके ५० हजार रुपये के अनुग्रह अनुदान की राशि के भुगतान करने के लिए अनुरोध किया गया है। श्री पांडेय ने कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि कार्डियो वस्कुलर डिजीज के विषय में निश्चितपूर्वक कुछ नहीं कहा जा सकता है और इससे मृत्यु के प्रमुख कई कारणों में से एक है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य में ३० वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की गैर संचारी रोग जैसे मधुमेह‚ उच्च रक्तचाप तथा विभिन्न प्रकार के कैंसर की स्क्रीनिंग की जाती है। इस वर्ष जनवरी में राज्य के कुल १९ हजार १६३ एएनएम को किट उपलब्ध कराया गया है। उक्त किट के माध्यम से एएनएम द्वारा उच्च रक्तचाप और मधुमेह की ससमय जांच की जाएगी‚ जिससे विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के साथ–साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रभावकारी एवं गुणात्मक सुधार होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने जदयू के संजीव श्याम सिंह के एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में क्रय किए गए वेंटीलेटर मशीनों के क्रय एवं अधिष्ठापन से संबंधित जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट के बाद पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के शिशु विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष डॉ. संजाता राय चौधरी तथा पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के तत्कालीन अधीक्षक डॉ. ओम प्रकाश चौधरी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित की गई है‚ जो अंतिम चरण में है। मंत्री ने राजद के ड़ॉ. रामचंद्र पूर्वे के तारांकित का जवाब देते हुए स्वीकार किया किया कि पीएमएसीएच में इंड़ोस्कोपी–कोलनोस्कोपी जांच मशीन एक साल से बंद पड़ी हुई हैं। इन मशीनों को एक महीने के अंदर चालू कराने का आश्वासन दिया।
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