रूस और यूक्रेन में जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. यूक्रेन के कई शहरों में संघर्ष जारी है और लगातार बमबारी हो रही है. जंग की वजह से 17 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं. वहां फंसे भारतीयों को भी निकाला जा रहा है, लेकिन यूक्रेन के सुमी (Sumy) में अब भी 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जो निकलने का इंतजार कर रहे हैं.
रूस की सीमा से महज 60 किलोमीटर दूर सुमी में दोनों देशों की सेनाओं में भारी संघर्ष हो रहा है. बमबारी और गोलीबारी लगातार हो रही है. सरकार यहां फंसे भारतीयों को निकालने की कोशिश कर रही है, लेकिन संघर्ष के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है.
यहां फंसे नागरिकों को बाहर निकालने के लिए रूस की ओर से सीजफायर का ऐलान किया गया था. फंसे भारतीयों को निकालने के लिए बसें पहुंच चुकी थीं. घंटों इंतजार के बाद बस में सवार होने वाले ही थे कि तभी सीजफायर टूट गया और छात्रों को फिर से बंकरों में जाने की सलाह दी गई.
सुमी में फंसे एक भारतीय आशिक हुसैन ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘हम कड़ाके की सर्दी में तीन घंटे तक लाइन में खड़े रहे, बस में बैठने का इंतजार कर ही रहे थे और बाद में बोल दिया गया कि हम नहीं जा सकते, ये सब कम खत्म होगा? हमारी इच्छाशक्ति गिर रही है. मनोबल टूट रहा है. हम अपडेट का अब भी इंतजार कर रहे हैं.’
25 वर्षीय मेडिकल स्टूडेंट जिस्ना जीजी ने बताया, ‘इंडियन एंबेसी ने हमें पोल्तावा ले जाने के लिए 5-6 बसें भेजी थीं. हम बस में सवार हो गए थे, लेकिन सीजफायर टूटने के कारण हमें उतरने के लिए कहा गया. एंबेसी ने हमसे इंतजार करने को कहा है.’
फोर्थ ईयर के मेडिकल स्टूडेंट अजीत गंगाधरन ने कहा, ‘हम पैदल जाने के लिए निकलने ही वाले थे, लेकिन हमें एंबेसी ने रूकने और कोई रिस्क न लेने को कहा. हम वापस लौट रहे हैं. लेकिन कब तक?’ उन्होंने कहा, ’10 दिन से हम यहां इंतजार कर रहे हैं और हमें बाहर निकलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है.’
गंगाधरन ने ये भी बताया कि यहां बिजली नहीं है, पानी नहीं है और दुकानों में क्रेडिट कार्ड भी नहीं लिया जा रहा है, ATM से भी नकदी खत्म हो गई है. एक छात्रा ने बताया कि वो वहां खाने-पीने और जरूरी सामान भी नहीं खरीद पा रहीं है…
शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सुमी में मौजूद हताश भारतीय छात्र पैदल ही रूसी सीमा की ओर निकलते दिख रहे थे. इसके बाद सरकार ने उन्हें शेल्टर में ही रहने को कहा और भरोसा दिलाया कि उन्हें जल्दी ही निकाल लिया जाएगा.
सुमी में फंसे भारतीय छात्र पिघलती बर्फ से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. सैकड़ों छात्र रोज सुमी की सड़कों पर खड़े हो रहे हैं इस उम्मीद में कि उन्हें आज यहां से निकाल लिया जाएगा. पिछले कुछ दिनों से यहां फंसे छात्र इमरजेंसी मैसेज भेज रहे हैं और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं.
यूक्रेन में स्थित इंडियन एंबेसी का कहना है कि पोल्तावा के रास्ते सुमी से भारतीयों को निकालने के लिए एक टीम को लगाया गया है. एंबेसी ने छात्रों को सलाह दी है कि वो शॉर्ट नोटिस में निकलने के लिए तैयार रहें.