यूक्रेन में जारी रूसी हमलों के बीच आज यानी मंगलबार को 13वां दिन है. सबसे बड़ा अपडेट यह है कि युद्ध विराम को लेकर दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही है. सोमवार को बेलारूस में हुई इस बातचीत में युद्ध के बीच लोगों को निकालने के लिए यूक्रेन में ह्यूमन कॉरीडोर बनाने पर सहमति नहीं बनी. कल पड़ोसी देशी बेलारूस में हुई इस वार्ता में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने अपना-अपना पक्ष रखा, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही. इसके साथ ही यूक्रेन में संकट के आसार और भी ज्यादा गहरा गए. आपको बता दें कि यूक्रेन के साथ जारी लड़ाई के बीच रूस ने सोमवार को अपने दुश्मन देशों की लिस्ट को मंजूरी दे दी है. इस लिस्ट में अमेरिका, यूरोपीय संघ के सदस्यों, यूके, यूक्रेन और जापान सहित 31 देशों को रखा गया है. इन देशों में अधिकांश वो देश हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ यानी यूएनजीए में रूस के खिलाफ आए निंदा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं. हालांकि रूस ने अभी यह नहीं बताया कि इन देशों के खिलाफ रूस की विदेश नीति क्या होगी.
आपको बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 13वां दिन है. इस दौरान रूस यूक्रेन के शहरों पर ताबड़तोड़ बमबारी कर रहा है. रूस ने खारकीव समेत यूक्रेन के कई शहरों को लगभग तबाह कर दिया है. इससे पहले यूक्रेन के रूस के हमले का आज 12वां दिन है. यूक्रेन के शहरों में रूसी बमबारी जारी है. इस बीच यूक्रेन ने रूस पर उसके नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. कीव इंडिपेंडेंट ने यूक्रेन के राष्ट्रपति के हवाले से रिपोर्ट दी कि “रात के दौरान, रूस ने रॉकेट का इस्तेमाल करते हुए, आवासीय क्षेत्रों माइकोलायिव पर हमला किया। उन्होंने खार्किव और पड़ोसी शहरों पर भी हमला किया. सैन्य दृष्टिकोण से इसका कोई मतलब नहीं था, यह केवल आतंक है,”
आपको बता दें कि यूक्रेन पर हमले के विरोध में पश्चिम के देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. इन प्रतिबंधों से रूस की अर्थ व्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही ये देश यूक्रेन को उपकरण और हथियार पहुंचा रहे हैं.
इस बीच, एक अच्छी खबर यह है कि रूस ने लगातार दूसरे दिन रूस ने नागरिकों को निकालने के लिए सीजफायर जारी रखने की बात कही है। आज कीव, खार्किव, सूमी, चर्नीहीव और मारियुपोल शहरों में युद्ध विराम रहेगा। सोमवार को भी इन्हीं पांच शहरों में संघर्ष विराम रखा गया था।
इधर, रूसी बमबारी के बीच लोग अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेन छोड़ रहे हैं। इनमें बच्चे, बुजुर्गों से लेकर बीमार तक शामिल हैं। इस तस्वीर को देखकर आप समझ सकेंगे कि कल तक बेहतर जिंदगी का ख्वाब देखने वाली आंखों में अब केवल आंसू बचे हैं।
जंग के अहम अपडेट्स –
यूक्रेन ने रूस के मेजर जनरल विटैली गेरासिमोव को मार देने का दावा किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे खार्किव के पास यूक्रेन और रूस की सेनाओं के बीच जंग में मारे गए।
अमेरिका ने कहा है कि उसने अब तक रूस से तेल का आयात रोकने जैसा कोई फैसला नहीं लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन अपने चेर्नोबिल के खराब पड़े न्यूक्लियर प्लांट में डर्टी बम डेवलप करने में जुटा हुआ था।
यूक्रेन ने कहा है कि सोमवार को मार्किव बेकरी पर रूसी हमले में 13 नागरिकों की मौत हुई है।
कीव में आम लोगों को निकालने के लिए बनाए गए ह्यूमन कॉरीडोर पर रूसी अटैक में दो बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हुई है।
राजधानी कीव समेत मारियूपोल और वोल्नोवाखा में रूसी स्ट्राइक से सहमे हजारों लोग अपने घर छोड़कर जा रहे हैं।
ब्रिटेन ने यूक्रेन से आने वाले शरणार्थियों को बिना वीजा के देश में एंट्री देने से इनकार कर दिया है।
जंग से यूक्रेन के अलग अलग हिस्सों में हालात बदतर होते जा रहे हैं। रूसी सैनिक कीव, खार्किव समेत कई शहरों पर रॉकेट और मिसाइलें दाग रहे हैं। क्या आप सोच सकते हैं कि बरसते रॉकेट और मिसाइलों के बीच कोई कपल अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर सकता है। युद्ध क्षेत्र में दो सैनिकों की शादी की सुकूनभरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं..
रूस-यूक्रेन की जंग को रोकने की कोशिश भी लगातार जारी है। अमेरिका और कई दूसरे देश यूक्रेन के साथ हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की अपील पर इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से टेलीफोन पर बात की। इसके बावजूद जंग क्यों नहीं रुकी, जानने के लिए यह खबर पढ़ें..
खेल के मैदान से लेकर एयरस्पेस तक, SWIFT से बाहर करने से लेकर अरबपतियों की संपत्ति जब्त करने तक; रूस पर प्रतिबंधों के जरिए दबाव बनाने की कोशिशें जारी हैं। अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक, व्यक्तिगत, खेलों से जुड़े और एयरस्पेस से जुड़े प्रतिबंध लगाए हैं।
यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देश लगातार रूस पर दबाव बनाने के लिए सख्त प्रतिबंध लगा रहे हैं। ब्रिटेन का कहना है कि रूस से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता छीन ली जानी चाहिए। सीधे तौर पर देखा जाए तो ब्रिटेन की मंशा रूस से वीटो पावर छीनने की है। रूस से वीटो छीन कर सुरक्षा परिषद से कैसे बाहर किया जा सकता है?