सोशल मीडिया में आई एक तस्वीर से बिहार के सियासत (Bihar Politics) में बड़ा इशारा होता दिख रहा है. इसको कई सवालों के जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है. इस तस्वीर में जो दिखा उससे बिहार की सियासत में भी बड़ा बदलाव आ सकता है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन के बुलावे पर चेन्नई (Chennai) गए थे जहां स्टालिन की ऑटो बायोग्राफ़ी रिलीज हुई थी. इस समारोह में शरीक होने के लिए राहुल गांधी, उमर अब्दुल्ला भी चेन्नई गए थे. वहां से लौटने के क्रम में यह तीनों नेता एक ही चार्टर विमान से दिल्ली लौटे. तीन विपक्षी पार्टियों के नेताओं के हवाई जहाज में साथ सफर करने से कयासों का बाज़ार गर्म हो गया है.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस तस्वीर के संबंध में कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का आरजेडी से बेहतर संबंध है. इसके पहले, प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर कहा था कि लालू यादव बीजेपी के सामने नहीं झुके, इस वजह से बीजेपी उन्हें जेल भेज रही है. अब जबकि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक ही प्लेन से साथ आए तो बिहार के कांग्रेस नेताओं को समझना चाहिए कि उनके शीर्ष नेतृत्व का आरजेडी के साथ कैसा संबंध है.
वही, बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक राजेश राम ने आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा कि तस्वीर को देख कर ज़्यादा कुछ उम्मीद ना लगाएं. हमें केंद्र में सरकार बनानी है जिसके लिए हमें गठबंधन में सहयोगियों की जरूरत है. वहीं, बिहार में अगर उन्हें (तेजस्वी यादव) मुख्यमंत्री बनना है तो उनको भी हमारी (कांग्रेस) जरूरत पड़ेगी.
बता दें कि पिछले कुछ माह से कांग्रेस और आरजेडी में दो सीट पर उपचुनाव और एमएलसी चुनाव की 24 सीटों पर हो रहे चुनाव में गठबंधन नही हो पाने की वजह से गठ बंधन लगभग टूट चुका है ऐसे में इस तस्वीर से दोनो पार्टियों को नई उम्मीद जगती दिख रही है की एक बार फिर से पुराने गठबंधन की सूरत बन सकती है और शायद उसमे ये तस्वीर महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकती है ।
तेजस्वी के लिए बजट से ज्यादा महत्वपूर्ण स्टालिन का बर्थडे!:
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उस समय बिहार विधान सभा में मौजूद नहीं थे जिस समय वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद बिहार का बजट पेश कर रहे थे। तेजस्वी यादव बजट पेश होने से पहले पटना से चेन्नई के लिए उड़ गए। भाजपा के प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा है कि तेजस्वी यादव सिर्फ चुनाव के समय ही बिहार में दिखते हैं और सपना दिखाकर वोट लेते हैं। बजट या बिहार की जनता से उनको कोई लेना-देना नहीं है। कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस के अध्यक्ष ने बिहारियों के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दिया है और तेजस्वी दक्षिण भारत में घूम रहे हैं।
भाजपा की धार्मिक रणनीति को सामाजिक न्याय से पछाड़ा
बता दें कि चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की आत्मकथा ‘वन एमॉंग यू ‘ के विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तेजस्वी यादव सोमवार को चेन्नई रवाना हुए। सोमवार को ही बिहार सरकार का बजट पेश हुआ। चेन्नई का कार्यक्रम बड़ा कार्यक्रम था जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ ही फिल्म, साहित्य और सामाजिक राजनीतिक क्षेत्र के कई गणमान्य मौजूद रहे। तेजस्वी ने बिहार की एनडीए सरकार को नसीहत दी है कि ‘ तमिलनाडु जैसे विकसित प्रदेश से सीखना चाहिए हमें’। यह नसीहत उन्होंने नीतीश कुमार को भी दी है। दरअसल तमिलनाडु में डीएमके ने भाजपा और अन्नाद्रमुक की धार्मिक रणनीति को अपने समावेशी सामाजिक न्याय की राजनीति से 2021 के चुनाव में पछाड़ा है।

तमिलनाडु में देश में सर्वाधिक 69 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है
तमिलनाडु में 10 साल के बाद स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके गठबंधन की जीत हुई। वहां दलित- बहुजनों की एकता मिसाल बन कर दिखी। डीएमके की उत्पत्ति ही पेरियार आंदोलन से हुई जिसने धार्मिक पाखंड का विरोध किया। डीएमके की राजनीति का मॉडल दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों और आदिवासियों को उनका अधिकार आबादी के हिसाब से देने का है। इसी मॉडल की चर्चा तेजस्वी यादव करते रहे हैं और उससे पहले लालू प्रसाद भी। यही वजह है कि बजट के समय विधान सभा में रहने के बजाय तेजस्वी तमिलनाडु में दिखे ताकि लोगों का ध्यान इस ओर जाए।
तेजस्वी ने फेसबुक पर लिखा, ‘तमिलनाडु देश में मानव विकास सूचकांकों में सर्वोच्च स्थान रखता है क्योंकि यहां गैरबराबरी, सामाजिक असमानता और विषमता को मिटाने के लिए देश में सबसे अधिक आरक्षण, 69 फीसदी का प्रावधान है। तमिलनाडु मॉडल की सफलता आरक्षण, मेरिट इत्यादि से सबंधित कई मिथकों को तोड़ती है।… हमें ऐसे विकसित प्रदेशों से सीखना चाहिए।’
तेजस्वी यादव को मालूम था कि बजट में सरकार क्या करने वाली है- राजद
राजद के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल को जवाब देते हुए कहा है कि स्टालिन के जन्म दिन पर वहां कार्यक्रम का आयोजित था। साथ ही स्टालिन की आत्मकथा का विमोचन भी था। बजट के बारे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को पहले से मालूम था कि सरकार सिर्फ खानापूरी करने वाली है। इसलिए बजट के समय रहने न रहने का कोई मतलब नहीं था। बजट में वही दिखा भी। तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय छवि से दुश्मन घबरा गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा भी कि बजट मे कोई नयापन नहीं है। वही रटी रटाई बातें बजट में कही गई हैं। रोजगार के झूठे वायदों से युवा परेशान और बेहाल हैं। गरीबों के सस्ते इलाज के लिए कोई भी दृष्टि बजट मे नहीं दिखी। इस बजट से शिक्षा ,स्वास्थ्य, रोजगार और उद्योग क्षेत्र को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।