बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्मदिन एक मार्च को विकास दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इस बात की जानकारी विधान परिषद में औपचारिक तौर पर साझा की. कार्यकारी सभापति ने बताया कि चूंकि एक मार्च को परिषद का अवकाश रहेगा. इसलिए मुख्यमंत्री को आज ही जन्मदिन की शुभकामनाएं देना उचित होगा. इस पर सभी विधान पार्षदों ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. मुख्यमंत्री ने पूरी विनम्रता से हाथ जोड़ते हुए सभी को धन्यवाद दिया.सीएम नीतीश कुमार के जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए जदयू कार्यकर्ताओं और नेताओं ने विशेष तैयारी की है. नीतीश कुमार के जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व वर्तमान में भारत सरकार के मंत्री आरसीपी सिंह ने अपने समर्थकों को संदेश भी दिया.आरसीपी सिंह ने सोशल मीडिया पर अपील की है कि उनके समर्थक अपने-अपने प्रांतों में उत्सव के रुप में आयोजन करें. पटना में भी जगह-जगह पर सीएम नीतीश कुमार के जन्मदिन पर बधाई के पोस्टर-होर्डिंग देखे जा रहे हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आज अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्षी दलों के नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं। कई मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी सराहना करते रहे हैं। नीतीश कुमार स्वयं अपना जन्मदिन नहीं मनाते, लेकिन कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं। वे कई जगहों पर केक काटकर उनका जन्मदिन मना रहे हैं। पटना में जगह-जगह बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगाए गए हैं। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) कार्यालय के पास कई पोस्टर लगाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी गई है। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने उनका जन्मदिन विकास दिवस के रूप में मनाने की अपील की है।
राजनीति की दुनियां के राजकपूर
नीतीश कुमार शुरू से लीक से हटकर चलने वाले रहे हैं। तमाम विरोधों के बावजूद अपने निर्णयों पर अडिग रहने वाले समाजवादी नेता नीतीश कुमार सबसे लंबे समय तक बिहार का मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड बना चुके हैं। उन्हें राजनीति की दुनियां के राजकपूर की संज्ञा भी दी जाती है। राजकपूर की तरह ही आगे की सोचने के कारण नीतीश कुमार की तुलना उनसे की जाती है।
सुशासन बाबू के नाम से बनी पहचान
सुशासन बाबू के नाम से प्रसिद्ध नीतीश कुमार का जन्म पटना जिले के बख्तियारपुर में एक मार्च 1951 को हुआ था। आयुर्वेद चिकित्सक कविराज रामलखन सिंह और गृहिणी परमेश्वरी देवी के पुत्र नीतीश कुमार ने बिहार कालेज आफ इंजीनियरिंंग (अब एनआइटी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई की। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे। पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर, राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण का इनपर खासा असर रहा। पढ़ाई पूरी करने के बाद बिजली विभाग में नौकरी ज्वाइन की। लेकिन कुछ समय बाद ही नौकरी छोड़ राजनीति में आ गए। जेपी मूवमेंट में सक्रिय रहे।
शराबबंदी का लिया साहसिक फैसला
हमेशा आगे की सोच रखने वाले नीतीश कुमार के फैसले नजीर साबित होते रहे हैं। बिहार में शराबबंदी का साहसिक फैसला लेने वाले नीतीश कुमार समाज सुधार के लिए कई बड़े निर्णय ले चुके हैं। बिहार को बड़े राजस्व की क्षति के बावजूद उन्होंने यह एतिहासिक फैसला लिया। दहेजमुक्त विवाह का संदेश देने वाले नीतीश कुमार ने स्वयं दहेजमुक्त एवं अंतरजातीय शादी की थी। बताया जाता है कि मंजू सिन्हा से शादी तय होने के बाद जब उन्हें पता चला कि 22 हजार दहेज लिया गया है तो उन्होंने घर के लोगों को साफ कह दिया कि वे शादी नहीं करेंगे। यह पैसा दहेज नहीं बल्कि उपहारस्वरूप दिए जाने की बात पर भी नीतीश कुमार नहीं माने। बिना भोज और तामझाम के उन्होंने कोर्ट मैरेज की। राजनीति में परिवारवाद के घोर विरोधी नीतीश कुमार ने खुद पर इसे लागू किया है। उनके परिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं है।