यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे बिहार के २३ छात्र व छात्राएं रविवार को तीन फ्लाइट से पटना एयरपोर्ट पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद पटना जिला प्रशासन ने छात्र–छात्राओं को उनके गंतव्य तक भेजवाया। यहां पहली फ्लाइट से ७ स्टूडेंट पहुंचे‚ जबकि दूसरी उड़़ान से ५ और तीसरे फ्लाइट से ११ स्टूडेंट आये। बिहार पहुंचने वालों में पटना के ४‚ सीतामढी के ३‚ नालंदा‚ मुजफ्फरपुर‚ सारण के २–२ तथा अरवल‚ भागलपुर‚ मोतिहारी‚ मधेपुरा‚ मुंगेर‚ दरभंगा‚ सहरसा‚ गया‚ रोहतास और गोपालगंज के एक–एक स्टूडेंट शामिल हैं। छात्रों के स्वागत के लिए जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद‚ उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन और जल संसाधन मंत्री संजय झा उपस्थित थे। एयरपोर्ट पर ही जिला प्रशासन द्वारा स्टूडेंट को सुरक्षित रूप से उनके घर तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था की गई। बिहारी छात्रों का अपनी मातृभूमि पर कदम रखना किसी सपने का साकार होने सा रहा। सकुशल वतन वापसी पर बिहार के बच्चों ने जब मातृभूमि पर कदम रखा‚ तो वे भावुक हो गये। कोई मातृभूमि को नमन करने लगा‚ तो कोई अपने परिजनों से मिलकर भावुक हो गया। किसी ने रुंधे गले से वतन वापसी पर खुशी जताई तो कोई नम आंखों से देश लौटने की खुशी का इजहार करने लगा।
छात्रों ने बताया कि यूक्रेन में भारतीय लोग अपने साथ भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराते चल रहे हैं‚ तो उन्हें न तो रूस की सेना कुछ नुकसान पहुंचा रही है और न ही यूक्रेन की ओर से कोई संकट हो रहा है। छात्रों ने बताया कि यूक्रेन में फिलहाल खाने पीने की चुनौती भी होने लगी है। अगर युद्ध चलता रहा‚ तो आने वाले दिनों में वहां रहने लायक स्थिति नहीं रह जायेगी। छात्रों ने कहा कि युद्ध के कारण वहां स्थिति रहने लायक नहीं रह गयी है। यूक्रेन में जो अन्य भारतीय फंसे हैं‚ हम सब उनकी सकुशल वतन वापसी की प्रार्थना करते हैं। उन्होंने केंद्र और बिहार सरकार की ओर से वतन वापसी के लिए मुहैया कराई गई सुविधाओं पर संतोष जताया। भारत माता की जयकार करते हुए छात्रों ने यूक्रेन की विकट परिस्थिति से भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम की सराहना की। पटना जिला प्रशासन की ओर से यूक्रेन से आने वाले स्टूडेंट के लिए एयरपोर्ट के अंदर‚ जबकि परिजनों के लिए एयरपोर्ट के बाहर हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गयी है। हेल्प डेस्क पर दो पालियों में कर्मियों की तैनाती की गई है।
बंकर में गुजर रही सासाराम के अभिषेक की जिंदगी, कहा- बड़ी मुश्किल से हो रहा खाने का जुगाड़
जहां पर हर पल सर पर खतरा मंडरा रहा हो वहां एक पल भी गुजारना कितना कठिन होगा आप अंदाजा लगा सकते हैं। पिछले तीन दिनों से यूक्रेन के खारकीव में बंकर में दिन गुजार रहे करगहर के छात्र अभिषेक कुमार कहते – कहते भावुक हो जा रहे हैं। रविवार को दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में अभिषेक ने बताया कि हालात ठीक नहीं है। जिस हिस्से में वे लोग शरण लिए हैं वो पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा है। वहीं पर वे खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र हैं। वहां पर लगातार रूसी सेना हमला कर रही है। कदम कदम पर खतरा मंडरा रहा है। जिन जगहों पर से छात्रों को रेस्क्यू कर रहा है वो यूक्रेन का पश्चिमी हिस्सा हंगरी और पोलैंड से सटा इलाका है। बंकर से उस जगह तक पहुंच पाना खतरों से खाली नहीं है।
बंकर के ऊपर भी रूसी लड़ाकू विमान लगातार मंडरा रहे हैं। फोन पर हो रहे पांच मिनट के बातचीत दौरान भी तीन बार धमाके की आवाज सुनाई दी। जबतक बमबारी बंद नहीं होती वहां तक पहुंच पाना जान पर खेलने के जैसा है। बताया कि खारकीव में फंसे लोगों के लिए सरकार से पहल की दरकार है।
मुश्किल से हो पा रहा खाने पीने का जुगाड़
अभिषेक ने बताया कि खाने पीने का भी मुश्किल से जुगाड़ हो पा रहा है। खाने के लिए स्थानीय स्तर की संस्था बॉक्टर्ड ऑर्गनाइजेशन उन्हें समय समय पर खाने पीने की व्यवस्था करा रही है। उनके साथ उस बंकर में बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब व हरियाणा के 20 छात्र शरण लिए हुए हैं।सकुशल घर वापसी के लिए हेल्पलाइन को किया ईमेल :बंकर में रह रहे सभी भारतीय छात्रों ने विदेश मंत्रालय को ईमेल भेजकर सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई है। अभिषेक ने बिहार भवन दिल्ली को भी ईमेल किया है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है।
मोबाइल और इंटरनेट सेवा भी हो रही बाधित
बताया कि बमबारी व अन्य वजहों से लगातार मोबाइल सेवा भी बाधित हो जा रही है। अधिकांश समय तक इंटरनेट काम करना ही बंद कर दे रहा है। पिछले तीन दिनों से सभी बंकर में शरण लिए हुए हैं। इस दौरान बड़ी मुश्किल से ही परिवार व अन्य लोगों से बात हो पा रही है।
घरवालों की बढ़ रही चिंता
अभिषेक के पिता उमाशंकर शर्मा व माता रीता देवी समाचार पत्रों और टीवी पर वहां हालात देखकर काफी घबराए हुए हैं। उनकी मां ने बताया कि लगातार वहां के हालत बिगड़ते देख मन बहुत घबरा रहा है। उम्मीद है कि सरकार की पहल पर उनका बेटा जल्द सकुशल अपने घर लौट आएगा।