रूस की ओर से लगातार यूक्रेन पर हमला किया जा रहा है. इसी बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए राहत की खबर सामने आई है. केंद्र की मोदी सरकार ने यूक्रेन में फ्लाइट्स भेजने का ऐलान किया है. इसकी तैयारी केंद्र सरकार कर रही है. भारत सरकार ही युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी का खर्च उठाएगी. ANI ने सूत्रों के हवाले से कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरियों को निकालने के लिए भारत सरकार उड़ानों की योजना बना रही है. फंसे नागरिकों को निकालने में जितना खर्च आएगा उसका पूरा खर्च भारत सरकार वहन करेगी.
आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अपनी चरम सीमा पर है. रूस-यूक्रेन की जंग की स्थिति की समीक्षा के लिए PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में गुरुवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की एक बैठक हुई थी. इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कहा था कि सरकार की प्राथमिकता यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनको भारत वापस लाना है.
इसके बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि यूक्रेन-रूस संकट के बीच भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए कीव से इंस्टानबुल का रूट इस्तेमाल हो सकता है. उन्होंने कहा कि पोलैंड के लैंड बॉर्डर, रोमेनिया, सोलेवक रिपब्लिक और हंगरी की लैंड बाउंड्री से लोगों को निकाला जाएगा. भारत ने यूक्रेन क्राइसिस को देखते हुए वहां फंसे भारतीयों के मदद के लिए पोलैंड, रोमेनिया, सोलेवक रिपब्लिक और हंगरी में कंट्रोल रूम शुरू किया है.
साथ ही विदेश मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय को एयर क्राफ्ट तैयार रखने को कहा है. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत आ चुके हैं. दिल्ली में MEA कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल प्राप्त हुए हैं. भारत ने यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. हमने करीब एक माह पहले यूक्रेन में भारतीयों का पंजीकरण शुरू किया था. ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां मौजूद थे.