राजद ने कहा है कि सरकार धरोहरों व प्रतीक चिन्हों को हटाकर बिहार की अस्मिता‚ बिहार के बहुजन और कुशवाहा समाज का अपमान कर रही है। पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस सम्मेलन में यह बातें राजद नेताओं ने कहीं। आलोक मेहता ने कहा कि बिहार की धरती पर जन्मे सम्राट अशोक को शांति‚ सद्भावना एवं भाईचारा का प्रतीक माना गया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न के रूप में अपनाया गया और अशोक चक्र को राष्ट्रीय झंडे में स्थान दिया गया। हम बिहारवासियों को अपने गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति पर गर्व है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों में देखा जा रहा है कि धीरे–धीरे आरएसएस जदयू और भाजपा की सरकार द्वारा हमारी इस समृद्ध विरासत पर हमला करते हुए दिल्ली पुलिस के प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ को हटा दिया गया। निर्माणाधीन नए लोकसभा भवन के मॉडल में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के ऊँचाई पर से अशोक स्तंभ हटाने का निर्णय लिया जा चुका है। विगत दिनों बिहार विधान सभा के गौरवशाली १००वें स्थापना दिवस पर परिसर में प्रतीक चिह्न के रूप में अशोक स्तंभ की स्थापना न करना बिहार की अस्मिता‚ बिहार के बहुजन और कुशवाहा समाज का अपमान है। ॥ प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने सरकार से मांग की कि बिहार विधान सभा परिसर में अशोक स्तंभ को प्रतीक चिह्न के रूप में स्थापित किया जाए। उन्होंने सम्राट अशोक को बहुजन हिताय‚ बहुजन सुखाय की सोच वाला शासक बताया। प्रेस वार्ता में पूर्व सांसद एवं विधायक राजवंशी महतो‚ विधायक फतेह बहादुर सिंह‚ प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेन्द्र कुशवाहा‚ उपाध्यक्ष शोभा प्रकाश‚ प्रदेश महासचिव मधु मंजरी‚ निर्मल कुशवाहा‚ प्रदीप मेहता‚ राजेश यादव आदि उपस्थित थे।
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