बिहार में स्वास्थ्य विभाग (Department of Health) ने एक बार फिर तंबाकू (Tobacco) से निर्मित होने वाले सभी प्रकार के गुटखा (Gutkha) और पान मसाले (Paan Masala) के उत्पादन, भंडारण, परिवहन, बिक्री और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। तंबाकू से बनने वाले पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध पूरे एक वर्ष के लिए लगाया गया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव सह राज्य खाद्य संरक्षा आयुक्त प्रत्यय अमृत के निर्देश के बाद इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया। प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
तंबाकू व निकोटिन युक्त गुटखा व पान मसाला पर प्रतिबंध
स्वास्थ्य विभाग के जारी आदेश में कहा गया है कि गुटखा और पान मसाला में तंबाकू व निकोटिन मिलाकर बेचना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के सितंबर, 2016 के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस प्रकार के खाद्य पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी। गुटखा और पान मसाला खाद्य पदार्थ की श्रेणी में आते हैं। लिहाजा ऐसे पदार्थों की बिक्री को राज्य में प्रतिबंधित किया गया है।
अब नए सिरे से सरकार ने जारी किया आदेश
बता दें कि इसके पहले सभी ब्रांड के गुटखा और पान मसाला में मैग्निशियम की मात्रा पाई गई थी। उसके बाद 2019 में ऐसे पान मसाले और गुटखा को प्रतिबंधित किया गया था। सरकार का आदेश 30 अगस्त, 2020 तक प्रभावी रहा। प्रतिबंध को आगे नहीं बढ़ाया गया था। अब इस संबंध में नए सिरे से आदेश जारी हुआ है।
गुटखा व पान मसाला के धंधेबाजों पर कार्रवाई तय
विदित हो कि बिहार में शराब पर प्रतिबंध लागू है। राज्य में अवैध शराब के धंधेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती रही है। इसे देखते हुए अब प्रतिबंधित गुटखा व पान मसाला के धंधेंबाजों के खिलाफ भी सख्ती तय है।