लालू यादव को सजा सुनाए जाने के बाद राजनीतिक प्रक्रिया भी आने लगी हैं। CM नीतीश कुमार ने कहा कि यह स्वाभाविक प्रक्रिया है। इससे पहले भी उनको सजा हो चुकी है। लगभग 3 साल से ज्यादा वह जेल में रहकर आए हैं। नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए कुछ नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केस करने वाले लोग उन्हीं के साथ उठते-बैठते हैं। पहले उनके साथ थे। फिर मेरे साथ आए। फिर उनके साथ चले गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिवानंद तिवारी की तरफ यह इशारा किया था। क्योंकि चारा घोटाले मामले में मुख्य पेटिशनर शिवानंद तिवारी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस पर ज्यादा कुछ कहना नहीं है। लेकिन, जो न्यायिक प्रक्रिया है उसके तहत यह सजा हुई है।
सुशील मोदी बोले- यह तो होना ही था
वहीं, सुशील मोदी ने ट्वीट किया कि लालू यादव को 5 साल की सजा और 60 लाख के जुर्माने से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। यह तो होना ही था। लालूजी का चार्जशीट देव गौड़ाजी के समय और पहली सजा मनमोहन सिंह जी के समय हुई। फिर भी फंसा दिया गया। यही राग अलापा जाएगा।
उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा है कि यह न्यायिक प्रक्रिया है। काफी लंबे समय से यह केस चल रहा था। यह उस समय का सबसे बड़ा मामला था। उसी के तहत उन्हें सजा हुई है। जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि यह राजनीति से प्रेरित है, यह गलत है जो जांच हुआ है उसमें जो गलत पाए गए हैं उनको सजा हुई है। इसमें कोई राजनीति नहीं हुई है। जिन लोगों ने केस किया था आज वह उन्हीं के साथ हैं।
RJD प्रवक्ता बोले- CBI ने राजनीति से प्रेरित होकर तैयार की रिपोर्ट
सजा के ऐलान के बाद RJD कार्यालय में खलबली मच गई। प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि हमें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। हमें पता चला है कि लालू यादव जी को 5 साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना तय किया गया है। हमें जो जांच एजेंसी है उस पर भरोसा नहीं है।
CBI ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसके आधार पर यह न्यायिक सजा है। आगे का कोट खुला हुआ है आगे की प्रक्रिया हम लोग तय करेंगे। यह राजनीतिक रूप से लिया गया फैसला है। राजनीतिक द्वेष रखकर जांच की गई है। लालू यादव जन नेता है। राजनीति से प्रेरित होकर सीबीआई ने रिपोर्ट तैयार की है।