मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे विधानमंडल सत्रों के दौरान अपने–अपने क्षेत्रों की बातों एवं समस्याओं को निर्भीक होकर ठीक ढंग से रखें। पूरी बुलंदी के साथ अपनी बात को सदन में रखना जन प्रतिनिधियों का दायित्व है॥। बृहस्पतिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की उपस्थिति में बिहार विधानमंडल के विस्तारित भवन स्थित सेंट्रल हॉल में विधानमंडल सदस्यों के लिए ‘लोकतंत्र की यात्रा में विधायकों का उन्मुखीकरण एवं उत्तरदायित्व’ विषय पर आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता अपना प्रतिनिधि चुनकर सदन में भेजती है। इसलिए जनप्रतिनिधियों को जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होता है। निर्वाचन के बाद शपथ लेते वक्त विधायकों को विधायी कार्यों की जानकारी से संबंधित कागजात दिये जाते हैं‚ ताकि उन्हें आगे काम करने में सहूलियत हो। विधायकों को अपने क्षेत्र के साथ–साथ राज्य का भी दायित्व संभालना होता है। सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र के साथ–साथ देश का भी दायित्व संभालना होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष १९८९ में हम लोकसभा पहुंचे थे और केंद्र सरकार में मंत्री बने थे। लोकसभा के सदस्य के रूप में मुझे कई चीजों को सीखने और समझने का मौका मिला। उस समय सदन के अंदर पक्ष और विपक्ष में कितना भी वाद– विवाद क्यों न हो‚ लेकिन संसद के बाहर सेंट्रल हॉल में आपस में हमलोग स्नेहपूर्वक बातचीत करते थे। संसद के कई सदस्यों से बातचीत के दौरान ऐसा महसूस होता था कि उन्हें अपने–अपने क्षेत्रों की गहन जानकारी है। आपस में बातचीत करने से ज्ञान बढता है।
एक के बाद एक धमाकों से दहला पाकिस्तान , बलूचिस्तान के बाद हंगू में ब्लास्ट, 52 की मौत
पाकिस्तान में आज शुक्रवार जुमे की नमाज के दौरान दो जगहों पर बड़े धमाके हुए हैं. पहला धमाका पाकिस्तान के...