मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। लोग बिजली का सदुपयोग करें‚ दुरुपयोग नहीं करें। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिजली की चोरी रोकने एवं इसका दुरुपयोग कम करने के लिए प्रभावी कदम उठायें। प्रीपेड मीटर लगाने का काम तेजी से करें। हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए ऊर्जा विभाग की संरचनाओं का और विस्तार करें। सौर ऊर्जा को बढावा देने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। मुख्यमंत्री १ अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में ऊर्जा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति एवं प्रस्तावित सुधार को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति‚ प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग एवं ऊर्जा लेखांकन‚ ऊर्जा के दुरुपयोग एवं चोरी पर प्रभावी नियंत्रण‚ संरचना का सुदृढीकरण एवं आधुनिकीकरण तथा हर खेत तक सिंचाई का पानी के लिए संरचना विस्तार की विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य को एक बड़़ी सौगात दी है। उन्होंने नालंदा जिले के राजगीर में जू सफारी का बुधवार को उद्घाटन किया। उद्घाटन के साथ ही राज्य की पहली जू सफारी आम लोगों के लिए खोल दी गयी। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को और बढ़ावा दिया जायेगा। २०१९ में बोधगया और गया के बाद राजगीर देखने के लिए दो करोड़ पर्यटक लोग आए हैं। अब अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में लोग वन्य प्राणी जू सफारी का आनंद ले सकेंगे॥। उन्होंने कहा कि जू सफारी का निर्माण बेहतर तरह से कराया गया है। इस सफारी को देखने में कम से कम पर्यटकों को ड़ेढ़ घंटे लगेंगे। इस सफारी के अंदर ६ शेर‚ २ बाघ‚ दो तेंदुआ‚ दो भालू व काफी संख्या में हिरण हैं। पहले हिरण इधर–उधर जंगल में भटकते रहते थे उनको एक जगह पर किया गया है। उन्होंने कहा कि नेचर सफारी की आधारशिला २०१६ में रखा गयी थी। जिसका डि़जाइन कई बार किया गया। अंत में २०२२ फरवरी को पूरा कर इसको पर्यटकों के लिए चालू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जू सफारी में टिकट बाउंड्री‚ कंट्रोल रूम ‚१८० थिएटर‚ शौचालय सहित अन्य की सुविधाएं लोगों को मुहैया करायी गयी हैं। इतना ही नहीं जू सफारी के अंदर पर्यटकों के लिए सेल्फी फोटो लेने का स्थल भी बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जू सफारी के संबंध में प्रधानमंत्री से बात की थी। जिसके बाद जू सफारी के लिए ६ शेर उपलब्ध कराये गये। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि तमिलनाड़ु एवं महाराष्ट्र से संपर्क किया जा रहा है ताकि यहां और वन्य प्राणी लाए जा सकें। उन्होंने कहा कि जू सफारी के अंदर जितनी तरह के जीव हैं उनके भोजन से लेकर चिकित्सा तक की उत्तम व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि जू सफारी का आनंद लेने वाले लोगों के लिए वर्तमान समय में २० वाहनों का खरीदारी की गयी है। इतना ही नहीं पर्यटकों के लिए पेयजल‚ शौचालय सहित अन्य तरह की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि नेचर सफारी का निर्माण जू सफारी के बगल में कराया गया है। इस सफारी के अंदर ग्लास स्काईवॉक है जो देश का इकलौता है। उन्होंने कहा कि नेचर सफारी का आनंद लेने के लिए काफी संख्या में लोग आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने २०१९ के आंकड़ों के अनुसार बताया कि बोधगया व गया के बाद राजगीर देखने के लिए दो करोड़ पर्यटक लोग आए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। २००९ में दिसम्बर में ७ दिनों के लिए प्रयास किए थे उसके जिक्र करते हुए कहा कि उस समय कई तरह के राजगीर के चीजों को देखकर विकसित किया गया। यहां पर पांड़ू पोखर‚ इको टूरिज्म के रूप में घोड़ा कटोरा जलाशय‚अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया गया। इतना ही नहीं जहां भगवान बुद्ध रहा करते थे उस वेणु वन का विस्तार किया गया है। उसे अच्छी संख्या में लोग देखते हैं। घोड़ा कटोरा जलाशय के बीच भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की गयी है। इतना ही नहीं घोड़ा कटोरा के पास इको पार्क का निर्माण कराया गया है। जिसका अच्छी संख्या में लोग आनंद ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ राजगीर पांच धर्मों का संगम स्थल है। इस स्थल का सर्वांगीण विकास करना हमारा दायित्व था और विकास किया गया।’ उन्होंने कहा कि ‘ नेचर सफारी में जाने के लिए एक रास्ते का निर्माण कराया जाएगा जिसका स्थल का चयन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सोन भंड़ार से होकर जरासंध के अखाड़ा होते हुए जाते हैं जिसके कारण स्वर्ण भंड़ार और जरासंध के अखाड़ा को लोग नहीं देख रहे हैं। इसी के आलोक में नेचर सफारी के लिए अलग से रास्ता का निर्माण कराया जाएगा। यह रास्ता जू सफारी के निकट से होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर‚नवादा‚गया व बोधगया के घर–घर तक गंगाजल मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि राजगीर पर्यटन स्थल पर सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया गया। उसके उपरांत पटना एवं बोधगया में सेंटर का निर्माण कराया गया। राजगीर को इस तरह से संवारा या सजाया जा रहा है कि बच्चे यहां के बारे में जाने और एहसास कर सकें। उन्होंने कहा कि राजगीर में पहले एक सीट का रोपवे हुआ करता था। उसके बगल में अब पर्यटकों के लिए ८ सीट के रोपवे का निर्माण कराया गया है। जिसका आनंद पर्यटक लोग ले रहे हैं। उन्होंने पहले राजगीर की स्थिति बहुत ही दयनीय थी और अब जो विकास किया गया है वह देखने योग्य है। उन्होंने कहा कि राजगीर में पांच पहाड़ हैं इन पहाड़ों पर साइक्लोपीयन वॉल है। इस तरह का साइक्लोपीयन वॉल पूरे विश्व में कहीं एक देश में और है। उन्होंने कहा कि साइक्लोपीयन वॉल को विश्व धरोहर की सूची में जोड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा है।