प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविदास जयंती के अवसर पर यहां करोल बाग स्थित ‘श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर’ में प्रार्थना की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धालुओं के साथ भजन में हिस्सा लिया। देशभर में संत कवि रविदास के अनुयायी हैं। इनमें दलित समुदाय के लोगों की बड़ी संख्या है।
मध्यकालीन कवि एवं समाज सुधारक संत रविदास ने अपने दोहों और उपदेशों के माध्यम से जाति आधारित सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संदेश दिया।
इससे पहले, मोदी ने मंगलवार को गुरु रविदास की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हर कदम और योजना में गुरु रविदास की भावना को आत्मसात किया है।
आज संत रविदास जयंती है. विधानसभा चुनाव में दलित वोटबैंक (Dalit Votebank) को साधने के लिहाज से आज का दिन नेताओं के लिए बेहद खास है. चुनावी माहौल के बीच आज रविदास जयंती पर अलग-अलग पार्टियों के नेता दलित वोटरों को साधने के लिए जी जान में जुटे हुए हैं. आज पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे. वह एयरपोर्ट से सीधे श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे. बाबा का दर्शन-पूजन करने के बाद संत रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्द्धनपुर पहुंचे. रविदास मंदिर में संत निरंजन दास ने उनका स्वागत किया. उन्होंने रविदास जयंती पर लोगों को शुभकामनाएं दी. चन्नी सुबह लगभग 4 बजे पहुंचे और सबसे पहले मंदिर में जाकर मत्था टेका.
वहीं पंजाब और यूपी में चुनाव को देखते हुए आज दलित वोटरों को साधने के लिए रविदास मंदिर में नेताओं का जमावड़ा लगा रहेगा. इस सूची में सबसे पहले चन्नी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. चन्नी मन्दिर में प्रवेश करते ही सबसे पहले संत रविदास के चरणों में मत्था टेका. जिसके बाद वो लगभग 45 मिनट तक मंदिर में चल रहे कीर्तन में भाग लेते हुए कीर्तन सुने. चन्नी मंदिर से निकलने के बाद बाकायदा पंजाब से आये श्रद्धालुओं से मिलते हुए सत्संग स्थल भी पहुचें. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं संसार में दुनिया में बस रहे लोगों को रविदास जयंती की शुभकामनाएं देता हूं. इस अवसर पर यहां आकर अपना अकीदा पेश कर रहा हूं. हालांकि इस दौरान चन्नी ने सियासी सवालों से पूरी तरह से बचते नजर आए, लेकिन इस दौरान पंजाब से आए श्रद्धालुओं के साथ वो पैदल चल कर हाल-चाल पूछते नजर आए.