स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा को प्रभावकारी एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए एएनएम (ऑक्जलरी नसिंर्ग मिडफायरी) को किट से लैस किया जा रहा है। श्री पांडेय ने कहा कि मरीजों का ईलाज करने में एएनएम चिकित्सकों के लिए सहायिका एवं सहयोगी होती हैं‚ इसलिए विभाग एएनएम को हर स्तर पर सहयोग प्रदान कर रहा है। इसी कडी में स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि राज्य में कार्यरत १९ हजार १६३ एएनएम किट दिया जाना है। इसमें (एएनएम किट) १० प्रकार के अनिवार्य उपकरण शामिल रहेंगे। श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में नियमित श्रेणी के १७ हजार ६०३‚ एनएचएम के अंतर्गत एक हजार ८१ एवं एनयूएचएम के अंतर्गत ४७९ एएनएम कार्यरत हैं। इन सभी को स्वास्थ्य संस्थानों एवं क्षेत्र भ्रमण के दौरान मरीजों की समुचित चिकित्सीय देखभाल के लिए एएनएम किट उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में इस किट के मिल जाने के बाद एएनएम अपने क्षेत्र में बेहतर तरीके से काम कर सकेंगी। किट में डिजिटल बीपी मशीन‚ स्ट्रेथोस्कोप‚ ग्लूकोमीटर मशीन‚ मेजरिंग टेप‚ डिजिटल थरमामीटर‚ कæची‚ टर्च‚ माउथ मिरर और स्पेटूला दिया जाएगा। इन सभी सामान को इक_ा कहीं भी ले जाने में एएनएम को सहूलियत होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी। इसके साथ ही यह बैग (एएनएम किट) अब एएनएम को एक विशेष पहचान भी दिलाएगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जिला अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत एएनएम को किट के वितरण के लिए जिला योजना समन्वयक को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। सदर अस्पताल से स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर तक कार्यरत एएनएम के बीच संबंधित स्वास्थ्य संस्थान के उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से एएनएम किट उपलब्ध जल्द कराया जायेगा।
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