यस ढुल की अगुआई में भारत ने पांचवीं बार अंड़र–१९ विश्व कप जीतने का रिकॉर्ड़ बना दिया। इस तरह यश का नाम भारत को विश्व कप जिताने वाले मोहम्मद कैफ‚ विराट कोहली‚ उन्मुक्त चंद और पृथ्वी शॉ के साथ शुमार हो गया। भारत ने फाइनल में इंग्लैंड़ को चार विकेट से हराया। भारत की इस जीत के हीरो राज बावा रहे। उन्होंने अंड़र–१९ विश्व कप के फाइनलों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन करके ३१ रन पर पांच विकेट निकालकर इंग्लैंड़ की पारी १८९ रनों पर समेटकर जीत की राह बनाई। इसके बाद टीम के उपकप्तान शेख रशीद और निशांत सिंधू ने अर्धशतकीय पारियां खेलकर और राज बावा ने ३५ रनों के योगदान से भारत को विजेता बना दिया। सही है कि इस विश्व कप में चमक बिखेरने से खिलाड़़ी टीम इंडि़या में जगह बनाने के दावेदार तो नहीं बनते हैं और उनका टीम इंडि़या के लिए सफर जरूर शुरू हो जाता है। भारतीय टीम ने पिछले दो दशकों में इस विश्व कप में जिस दबदबे वाला प्रदर्शन किया‚ उसके लिए बीसीसीआई द्वारा देश में क्रिकेट के लिए तैयार किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर और उसकी योजनाओं की भूमिका अहम है। इस विश्व कप की बात करें तो कप्तान यश ढुल और उपकप्तान शेख रशीद के अलावा ऑलराउंड़र राज बावा‚ निशांत सिंधू‚ अग्रक्रिष और स्पिनर विकी ओस्तवाल अपनी छाप छोड़़ने में सफल रहे हैं। इन खिलाडि़यों को अपने शानदार प्रदर्शन का इनाम इसी माह होने वाली आईपीएल नीलामी में मिल सकता है। जिस तरह पिछले विश्व कप में भाग लेने वाले यशस्वी जायसवाल और कार्तिक त्यागी जैसे कई क्रिकेटर करोड़़पति बने थे‚ उसी तरह इन खिलाडि़़यों की आईपीएल माली हालत सुधार सकता है। वैसे भी आईपीएल को क्रिकेटरों को ‘करोड़़पति बनाने की मशीन’ कहा जाता है। राज बावा के पिता सुखविंदर सिंह युवराज सिंह को तैयार करने वाले कोच हैं‚ और अब वह अपने बेटे को यहां तक पहुंचाने में सफल रहे हैं‚ तो उनके लिए दोहरी खुशी है। अगर हम इन खिलाडि़़यों को सही मार्ग निर्देशन देने में सफल रहे तो कई खिलाड़़ी तीन–चार साल में टीम इंडि़या में खेलते नजर आ सकते हैं। ऐसा हुआ तो पिछले कुछ सालों में द्रविड़़ ने टीम इंडि़या के लिए जो ‘सप्लाई लाइन’ तैयार की थी‚ वह उनके कोच रहते भी जारी रह सकती है।
भारत में एंट्री के लिए स्टारलिंक को कौन सी शर्तें माननी होगी ?
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