मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि जहां शिक्षकों की कमी है‚ वहां जल्द बहाली की जाये‚ ताकि छात्र–छात्राओं को पठन–पाठन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो। मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को १ अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा की‚ जिसमें उन्होंने कई दिशा–निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना के निर्माण में तेजी लायें। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष २००६ से सडक और स्वास्थ्य के साथ–साथ शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाये हैं। राज्य में बडी संख्या में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय की स्थापना की गई। विद्यालय भवनों का निर्माण स्थानीय स्तर पर विद्यालय शिक्षा समितियों द्वारा किया गया‚ जिससे लोगों को रोजगार के साथ–साथ स्थानीय स्तर पर बिजनेस को भी बढावा मिला। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी कि यदि लडकियां शिक्षित होंगी‚ तो प्रजनन दर भी घटेगी। उसी आधार पर हमलोगों ने हर पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाने का निर्णय लिया‚ ताकि लडकियां इंटर तक की पढाई कर सकें। सीएम ने कहा कि सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले गये हैं। इससे अब छात्र–छात्राओं को अपनी ही पंचायत में उच्च माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा मिल सकेगी। छात्राओं का शैक्षणिक स्तर बढने से प्रजनन दर में और कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि जब हमलोगों ने राज्य में सत्ता संभाली थी‚ तो उस वक्त यहां प्रजनन दर ४.३ फीसद थी‚ जो घटकर अब ३ फीसद पर आ गयी है। उन्होंने कहा कि लडकियों में शिक्षा को बढावा देने के लिए हमलोगों ने मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना और मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना चलायी। मैट्रिक की परीक्षा में लडकियों की संख्या अब लडकों से अधिक हो गई है। इससे पहले बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी पंचायतों को उच्च माध्यमिक विद्यालय से आच्छादित करने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत ६४२१ पंचायतों को चिह्नित करते हुए वहां उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा चुकी है। सभी पंचायतों में ९वीं एवं १०वीं कक्षाओं की पढाई भी शुुरू हो गई है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास के माध्यम से पाठ¬क्रम के अनुरूप ई–कन्टेंट विकसित कर वर्ग संचालन की व्यवस्था की गई है। राज्य में फिलहाल ९३६० उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं‚ जिनमें शिक्षकों की नियुक्ति एवं आवश्यक आधारभूत संरचना का निर्माण चरणवार किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव शिक्षा ने प्रारंभिक विद्यालयों में छात्र–छात्राओं की संख्या प्रारंभिक विद्यालयों में कुल कार्यरत शिक्षकों की संख्या प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति‚ शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति‚ माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति‚ उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षक और छात्रों का अनुपात १ः४० निर्धारित किया गया है। इस मानक पर राज्य अब लगभग पहुंच गया है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ मुख्य सचिव आमिर सुबहानी‚ मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा‚ मुख्यमंत्री के एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे‚ जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार सहित शिक्षा विभाग के अन्य वरीय अधिकारी जुडे हुए थे।