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गलवान पर बड़े झूठ का पर्दाफाश:चीन ने झड़प की वजह और अपने सैनिकों की मौत छिपाई

UB India News by UB India News
February 3, 2022
in VISHESH KHABRE, अन्तर्राष्ट्रीय, खास खबर, सेना
0
गलवान पर बड़े झूठ का पर्दाफाश:चीन ने झड़प की वजह और अपने सैनिकों की मौत छिपाई

भारत-चीन के बीच जून 2020 में हुई गलवान झड़प में चीन को भारी नुकसान हुआ था। ऑस्ट्रेलिया की न्यूज साइट ‘द क्लैक्सन’ ने अपनी एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। चीन गलवान में अपने चार सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी।

द क्लैक्सन के एडिटर एंटोनी क्लेन ने गलवान झड़प की जांच के लिए इंडिपेंडेंट सोशल मीडिया रिसर्चर्स की टीम बनाई थी। करीब डेढ़ साल की रिसर्च के बाद ‘गलवान डिकोडेड’ नाम की रिपोर्ट में सामने आया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी PLA के कई सिपाही झड़प वाली रात को गलवान नदी की तेज धार में बह गए थे।​ चीन अब तक अपनी सेना के नुकसान को छिपाता रहा है।

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चीन ने दो घटनाओं को मिलाकर पेश किया
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने गलवान का सच छिपाने के लिए दो अलग-अलग घटनाओं को आपस में जोड़कर पेश किया। चीन ने गलवान में मारे गए उसके सैनिकों की सही संख्या कभी नहीं बताई और झड़प में मारे गए कुल 4 सैनिकों को पिछले साल मेडल देने का ऐलान किया।

चीनी झूठ के उलट, रिसर्चर्स ने पाया कि 15-16 जून की रात में जीरो डिग्री से भी नीचे तापमान में कई चीनी सैनिक गलवान नदी में डूबकर मारे गए थे। इससे पहले, चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो ने भी उस रात 38 चीनी सैनिकों के नदी में बहने की बात कही थी, लेकिन चीनी अधिकारियों इन सभी पोस्ट को हटवा दिया था।

तिब्बत में पैंगोंग झील के पास भी झड़प हुई थी
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मई 2020 की शुरुआत में तिब्बत में पैंगोंग झील के पास भी झड़प हुई थी। चीन ने इस दौरान अपने सैनिकों और सेना को हुए नुकसान पर चुप्पी साधे रखी है। यहां तक कि चीनी मीडिया ने भी पैंगोंग झड़प को लेकर कोई रिपोर्टिंग नहीं की है। गलवान में भी चीन ने अपने केवल 4 सैनिकों की मौत ही कबूल की है। इससे साफ दिखता है कि चीन पूरे मामले को छिपाकर ही रखना चाहता था।

चीनी प्रोपेगैंडा यानी झूठ का पुलिंदा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अप्रैल 2020 के आसपास चीनी सेना ने गलवान घाटी में निर्माण कार्य तेज कर दिए थे, लेकिन 15 जून की लड़ाई की वजह एक अस्थायी पुल था। चीन के सरकारी मीडिया ने इस झड़प और उसके बाद की घटनाओं को बताते समय कई तथ्य छिपा लिए थे और दुनिया को जो बताया गया, उसमें ज्यादातर मनगढ़ंत कहानियां थीं।

गलवान के बाद मजबूत हुआ क्वाड
द क्लैक्सन ने लिखा है कि गलवान में दो परमाणु ताकत रखने वाले देशों के बीच संघर्ष से दुनियाभर के नेता अलर्ट हो गए। इसके चलते ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत के बीच बने सिक्योरिटी अलायंस क्वाड को तुरंत मजबूत बनाने की कवायद शुरू हुई। चारों देशों ने मार्च, 2021 में एक अहम मीटिंग कर चीन की वजह से बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को साझा किया। क्वाड का गठन एशिया-प्रशांत इलाके और साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए ही किया गया है।

क्या हुआ था गलवान घाटी में
पिछले साल अप्रैल-मई में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि 4 दशक से ज्यादा वक्त बाद LAC पर पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।

 

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