बिहार में जातीय जनगणना के मुद्दे पर सियासत यू-टर्न लेता दिख रहा है। इसपर जनता दल यूनाइटेड के स्टैंड को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी का समर्थन नहीं मिल रहा है, लेकिन विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल समर्थन में खड़ा दिख रहा है। बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री नीरज सिंह बबलू ने कहा है कि जातीय जनगणना पर बीजेपी व जेडीयू की राहें अलग हैं। उधर, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जेडीयू को ‘हर तरह से’ समर्थन देने का ऐलान किया है, जिसका जेडीयू ने स्वागत किया है। ऐसे में यह सवाल फिर खड़ा हो गया है कि क्या बिहार के दो बड़े सियासी दुश्मन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक मंच पर आने की भूमिका बना रहे हैं? हालांकि, इसपर जेडीयू मौन है तो बीजेपी ने ऐसी किसी संभावना से इनकार किया है।
राष्ट्रीय जनता दल के बिहार प्रमुख जगदानंद सिंह के एक बयान ने शीतलहर के प्रकोप के बीच प्रदेश के सियासी पारे को बढ़ा दिया है. जगदानंद सिंह ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन करने की बात कही है. इससे प्रदेश की सत्ता में JDU की सहयोगी BJP की त्योरियां चढ़ गई हैं. भाजपा के बिहार अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राजद प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सीधे-सीधे लालू प्रसाद यादव के परिवार को ही निशाने पर ले लिया है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राजद प्रदेश अध्यक्ष के बयान के बहाने लालू परिवार पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए हमला बोला है. जायसवाल ने कहा कि बिहार की राजनीति में समाजवादी परजीवी नेताओं की एक विचित्र जमात है. ये बात तो सदैव कर्पूरी ठाकुर और लोहिया की करेंगे, पर कब बिना कोई काम-धंधा किए पशु चिकित्सा महाविद्यालय के चपरासी क्वार्टर से अरबपति हो जाएंगे किसी को पता भी नहीं चलेगा. उन्होंने आगे कहा कि जोंक जिस प्रकार मनुष्य का इंतजार करता है और एक बार में ही मनुष्य रक्त मिलने पर महीनों का प्रबंध कर लेता है, उसी प्रकार समाजवादी परीजीवी नेता भी सत्ता का इंतजार करते रहते हैं. जिस उम्र में राम भजन करना चाहिए उस उम्र में भी इस बात का इंतजार है कि कब किसी गलती से सत्ता फिर से मिल जाए और फिर पिछली बार की भांति गरीबों का दोहन कर सकें.
भाजपा का तीखा प्रहार
संजय जायसवाल ने आगे कहा कि जिन्होंने 1990 से 2005 के कार्यकाल में बिहार की स्थिति 1947 की तरह कर दिया, वह पूछते हैं कि हम नीति आयोग की रैंकिंग मे सबसे पीछे क्यों हैं? कभी गलती से भी 2005 में बिहार के प्रति व्यक्ति आय और 2020 में प्रति व्यक्ति आय में तुलना कर लेते तब उन्हें समझ में आता कि सरकार ने क्या काम किया है.
जगदानंद सिंह को लिया आड़े हाथ
भाजपा के बिहार अध्यक्ष ने जगदानंद सिंह को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि कल (गुरुवार) उसी राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष जी बेचारे समाजवादी परजीवी की तरह सत्ता पाने का येन केन प्रकारेण मौका ढूंढते दिखे. अफसोस उनका यह दिवास्वप्न सिर्फ दिवास्वप्न ही बनकर रह जाएगा. जायसवाल ने आगे कहा कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में युवा नेताजी ने अपने माता-पिता की तस्वीर सभी पोस्टरों से हटाकर एक छद्म जाल बुना था कि हम नए उम्मीद के साथ नया बिहार बनाएंगे. उस समय भी उनके साजिशों का पर्दाफाश प्रदेश अध्यक्ष ने यह कह कर कर दिया कि हम सत्ता में आए तो 2005 से पहले की स्थिति बहाल करेंगे.