बिहार में कोरोना संक्रमण पूरी रफ्तार से बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को राज्य सरकार के दो मंत्री, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन , पीएचइडी मंत्री रामप्रीत पासवान और मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी के साथ बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। चारों नेताओं ने स्वयं इसकी जानकारी दी है। शुक्रवार को तीन मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष को मिलाकर राज्य में कुल 3048 नए संक्रमित मिले। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले बढ़कर आठ हजार के पार हो गए हैं।
24 घंटे में बढ़े 28 प्रतिशत मरीज
स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि पिछले 24 घंटे में राज्य में नए मरीजों की संख्या 28 प्रतिशत बढ़ी है। इससे पहले गुरुवार को 2379 नए संक्रमित मिले थे। राज्य में सबसे अधिक 1314 संक्रमित पटना में मिले हैं। दूसरे स्थान पर गया है, जहां 293 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। बिहार में सात महीने और सात दिन बाद इतने अधिक केस आए हैं। इससे पहले 25 मई को 3306 नए कोरोना मरीज मिले थे।
कोरोना को लेकर अब ऑनलाइन होगी कैबिनेट की बैठक:
कोरोना के बढ़ते प्रभाव को लेकर बिहार सरकार अब अपने सभी कार्यक्रमों को ऑनलाइन करने वाली है। खासकर कैबिनेट की बैठक को लेकर बिहार सरकार सभी मंत्रियों और पदाधिकारियों को पत्र लिखकर गोपनीयता बनाएं रखने की बात कही है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के तरफ से गोपनीयता के लिए लिखी गई चिट्ठी को सार्वजनिक कर दिया गया, यानी गोपनीयता के लिए लिखी गई चिट्ठी गोपनीय नहीं रही।
वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर प्रतिबंध
चिट्ठी में लिखा गया है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर कैबिनेट की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभावित है। ऐसे में मंत्रिपरिषद की बैठक की गोपनीयता बनी रहनी चाहिए। कैबिनेट की बैठक को गोपनीय रखने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में मंत्री के अलावा संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव या सचिव के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति को शामिल नहीं किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान कक्ष में किसी भी प्रकार की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी पूर्णता प्रतिबंधित रहेगी। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग से भेजी गई सामग्री को पूर्णतः गोपनीय रखते हुए कार्यसूची या अन्य सामग्रियों की फोटोकॉपी पूर्णता प्रतिबंधित रखी जाए। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद कार्यसूची मुहर बंद कर मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग को वापस किया जाए।
चेतावनी भरी चिट्ठी लिखी गई
कैबिनेट की बैठक में सरकार अपनी नीतियों पर अंतिम मुहर लगाती है। जिसमें विकास के लिए नीति निर्धारण होता है। कैबिनेट को फैसले को बदला नही जा सकता है। ऐसे में इसको गोपनीय रखा जाता है। इसी को लेकर सरकार चिंतित है कि कहीं कैबिनेट की बैठक की जानकारियां लीक ना हो जाए। इसको लेकर सरकार ने अपने मंत्री और पदाधिकारी को चेतावनी भरी चिट्ठी लिखी है। इस साल में 5 जनवरी को कैबिनेट की बैठक हुई थी।
हालांकि, कैबिनेट मीटिंग से पूर्व दोनों डिप्टी सीएम समेत कई मंत्री पॉजिटिव निकले थे। इसके बाद अधिकांश मंत्री 5 तारीख की कैबिनेट मीटिंग में ऑनलाइन ही जुड़े थे। अब सरकार से साफ कर दिया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही कैबिनेट की बैठक संभावित है। ऐसे में मंत्रिपरिषद की बैठक पूरी तरह से गोपनीय रहनी चाहिए।