5 राज्यों के विधानसभा चुुनाव कोरोना विषाणु के नये स्वरूप ओमीक्रोन के खतरों के बीच होने जा रहे हैं। इसके मद्देनजर बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग ने पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान कोरोना विषाणु के संक्रमण‚ फैलने की तीव्रता दर‚ रोकथाम के उपायों और टीकाकरण को लेकर पारस्परिक विमर्श हुआ। इसके बाद चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भी विचार–विमर्श किया। अब देखना है कि चुनाव आयोग की इस कवायद का क्या परिणाम सामने आएगा। ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव आयोग उन सभी उपायों पर विचार कर रहा है जिससे चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक कोरोना के प्रसार को रोका जाए। इस बीच अच्छी खबर यह है कि कांग्रेस के बाद भाजपा और सपा ने भी उत्तर प्रदेश में अपने–अपने चुनावी रैलियों को रद्द करने का फैसला किया है। चुनावी रैलियों को लेकर सभी राजनीतिक दलों की आलोचना हो रही थी। पिछले एक सप्ताह से देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बृहस्पतिवार को देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा एक लाख को पार कर गई। महामारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह आंकड़़ा अभी और बढ़ेगा। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने तो तीसरी लहर की घोषणा कर दी है‚ लेकिन यह विश्व मानवता के लिए सौभाग्य की बात है कि कोरोना विषाणु का नया स्वरूप ओमीक्रोन डे़ल्टा के मुकाबले कम घातक है। यही कारण है कि ड़ब्ल्यूएचओ इसे सुनामी की संज्ञा दे रहा है। अमेरिका में पिछले दिन एक दिन में १० लाख से ज्यादा नये मामले आए थे। यूरोपीय देशों में भी रोजाना एक से दो लाख नये मामले आ रहे हैं‚ लेकिन संतोष की बात यह है कि कोरोना विषाणु के प्रकटीकरण के पिछले दो वर्षों के दौरान दुनिया के लोग इस वायरस से परिचित हो गए हैं। और हमारे देश में भी कोरोना के विरुद्ध दर्जनों वैक्सीन उपलब्ध हैं तथा अस्पतालों और बिस्तरों की संख्या में बढ़ोतरी के संबंध में एक व्यापक आधारभूत ढांचा मौजूद है। इसके बावजूद आयोग विभिन्न दलों के साथ बैठक करे और कोरोना के नियमों का पालन कराने के लिए एक साझा कार्यक्रम बनाए। ऐसा इसलिए कि देश में कहीं–न–कहीं कोई–न–कोई चुनाव होते रहते हैं और कोरोना भी अभी हाल–फिलहाल जाने वाला नहीं है।
यूपी से दिल्ली का रास्ता…..
चुनावों में चूंकि संगठन की बड़ी भूमिका होती है‚ इसलिए हर दल चाहता है कि उसका जमीनी स्तर तक संगठन...