एक संभावना है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाकर विधानसभा चुनाव कुछ महीने टाले जा सकता है ताकि कानून–व्यवस्था को सुधारा जा सके। क्योंकि आईबी का इनपुट है कि चुनाव के दौरान आंतकी संगठन राज्य में माहौल बिगाड़़ सकते हैं। मुख्य सचिव और ड़ीजीपी नप सकते हैंः प्रधानमंत्री को रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री‚ मुख्यसचिव और ड़ीजीपी मौके पर मौजूद होने चाहिए। मुख्यमंत्री चरनचीत सिंह चन्नी ने कहा कि वह कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने के कारण स्वयं नहीं जा रहा हैं‚ लेकिन अपना प्रतिनिधि वित्तमंत्री को भेज रहे हैं। लेकिन मुख्यसचिव और ड़ीजीपी मौके पर नहीं आये। इन दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई भारी चूक को लेकर बृहस्पतिवार को समस्त कैबिनेट भावुक‚ चिंतित और आक्रोशित था। केंद्रीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई खिलवाड़ न हो‚ इसके लिए ऐसी कठोर कार्रवाई करने की मांग की‚ जो एक मिसाल बने। कैबिनेट मंत्रियों ने यहां तक कहा कि जिस राज्य में प्रधानमंत्री सुरक्षित नहीं‚ वहां आम जनता कैसे सुरक्षित रह सकती है ॽ क्या ऐसे राज्य में चुनाव कराना संभव है।
बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। सामान्य तौर पर यह बुधवार को होती है। औपचारिक बैठक शुरू होने से पहले ही इस मुद्दे पर एक–एक कैबिनेट मंत्री ने अपनी व्यथा‚ व्याकुलता‚ चिंता और रोष को प्रकट किया। उन्होंने इसे असाधारण घटना कहा। बैठक में पंजाब गए केंद्रीय मंत्रियों ने बताया कि जिस प्यारेवाला गांव के फ्लाईओवर के ऊपर प्रधानमंत्री का काफिला रोका गया था‚ वहां से एक बस उल्टी तरफ आ रही थी‚ तब जाकर एनएसजी ने काफिला रोका और जहां किसान बेरिकेड लगाकर खड़े थे‚ वहां पंजाब पुलिस के लोग उनके साथ चाय पी रहे थे जबकि दूसरी ओर गुरु द्वारों से अनाउंसमेंट की गई कि प्रधानमंत्री को दूसरी तरफ से भी घेर लो क्योंकि प्रधानमंत्री पुल के ऊपर थे इसलिए कहीं और मुड़ भी नहीं सकते थे। बैठक में इस बात पर भी चिंता व्यक्त की गई कि चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी की कार प्रधानमंत्री के काफिले का हिस्सा थी लेकिन दोनों ही न तो एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए और न ही प्रधानमंत्री के काफिले में शामिल हुए। अनेक मंत्रियों में रोष इतना अधिक था कि उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने तक की मांग कर ड़ाली। कुछ मंत्रियों का यह भी कहना था कि राज्य में चुनाव राष्ट्रपति शासन के दौरान ही कराया जाए‚ क्योंकि वर्तमान सरकार चुनाव नहीं करा सकती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा चूक के बारे में गृह मंत्रालय सूचनाएं एकत्र कर रहा है और ‘बड़़े एवं कड़़े फैसले’ किये जायेंगे । केंद्रीय मंत्रिमंड़ल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में सूरक्षा चूक के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में ठाकुर ने कहा कि कुछ लोग इस बारे में उच्चतम न्यायालय भी गए हैं और मीडि़या सहित अन्य क्षेत्रों से लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा‚ गृह मंत्रालय ने भी कार्रवाई की बात कही है। सूचना एकत्र करने के बाद जो भी कदम.बड़़े और कड़़े निर्णय उसकी ओर से लिये जायेंगे। ठाकुर ने कहा‚ ‘मेरा मानना है कि देश की न्यायिक व्यवस्था ने सभी को न्याय दिया है। और जब ऐसी चूक होती हैं‚ जो भी कदम उठाने होंगे‚ उठाये जायेंगे। बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंड़ल की बैठक के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक मामलों की सुरक्ष समिति तथा सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंड़ल समिति की बैठक की अध्यक्षता की ।
उच्चतम न्यायालय पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की गहन जांच और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो‚ यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण‚ न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह के उस प्रतिवेदन पर गौर किया‚ जिसमें कहा गया है कि पंजाब में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में गंभीर चूक हुई। इसकी वजह से प्रधानमंत्री के काफिले को बठिंड़ा में रोकना पड़़ा। इसके बाद प्रधानमंत्री को पंजाब में एक रैली में शामिल हुए बगैर ही वापस दिल्ली लौटना पड़़ा था।
याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया था। पीठ ने कहा‚ इस याचिका की एक प्रति राज्य सरकार को भी सौंपे। हम कल सबसे पहले इस पर सुनवाई करेंगे। सिंह ने कहा कि बठिंड़ा के जिला न्यायाधीश को निर्देश दिया जाए कि वह प्रधानमंत्री के दौरे के लिए पंजाब पुलिस की ओर से किए गए सुरक्षा इंतजामों के सारे सबूत वह अपने कब्जे में लें।
पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर जाते समय सुरक्षा में हुई ‘चूक’ की ‘गहन जांच’ के लिए बृहस्पतिवार को दो सदस्यों वाली उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। एक आधि–कारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। इस बीच‚ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी ३ सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है। कैबिनेट सचिवालय में सुरक्षा सचिव सुधीर कुमार सक्सेना को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। एसपीजी के आईजी एस सुरेश और आईबी के संयुक्त सचिव बलबीर सिंह सदस्य होंगे। पंजाब की समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) महताब सिंह गिल और प्रधान सचिव (गृह मामले और न्याय) अनुराग वर्मा शामिल हैं। यह समिति तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को तत्काल रिपोर्ट देने का निर्देश देते हुए कहा है कि उसने सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस तरह की चूक पूरी तरह से अस्वीकार्य है।