बिहार विधान सभा चुनाव 2020 में चिराग पासवान ने NDA को जोरदार झटका दिया था. तब लोक जन शक्ति पार्टी के उम्मीदवारों ने खासकर JDU के कई उम्मीदवारों को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार से नाराज चिराग पासवान राजद के साथ हाथ मिला सकते हैं. चिराग को लेकर लालू यादव से लेकर तेजस्वी यादव भी समय समय पर बयान देते रहे हैं कि चिराग पासवान से उनके संबंध बेहतर हैं. अगर चिराग साथ आते हैं तो राजद को खुशी होगी. लेकिन लगता है कि चिराग पासवान फिलहाल राजद के नजदीकी को तैयार नहीं हैं. इस बात के संकेत तब मिल गए जब विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में महागठबंधन से दूरी बनाए रखने का इशारा किया.
लोजपा चिराग गुट के राष्ट्रीय महासचिव संजय पासवान कहते हैं कि चिराग पासवान वाली लोजपा ने फिलहाल किसी के साथ गठबंधन को इच्छुक नहीं है. सूत्र बताते हैं कि लोजपा रामविलास गुट निकाय कोटा से होने वाले चुनाव में किसी के साथ भी गठबंधन नहीं करेगी. विधान सभा इलेक्शन में जैसे चिराग गुट ने अलग रहकर लड़ा था वैसे ही उनकी पार्टी के टिकट पर कोई भी उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाहते हैं, चुनाव लड़ सकते हैं.
वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि दरअसल चिराग गेंद अपने पाले में रखना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पता है की 24 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव के परिणाम से बिहार की सियासत में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. लेकिन, इस वक्त वो राजद के साथ खड़े दिखे और आने वाले समय में बिहार की राजनीतिक परिस्थितियां बदलती है, तो उसका खामियाजा कहीं चिराग को भुगतना न पड़ जाए. इसलिए चिराग आने वाले लोक सभा और विधान सभा चुनाव के लिए अपना विकल्प खोले रखना चाहते हैं. उस वक्त जिसका पलड़ा भारी होगा उसके रुख को देखकर गठबंधन की कोशिश करेंगे.
अरुण पांडे कहते हैं कि ये देखना दिलचस्प होगा की चिराग की भाजपा के प्रति नरमी निकाय चुनाव में भी उसी तरह बरकरार रहती है जैसे विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारे थे और सिर्फ JDU उनके निशाने पर रखा था. क्या इस बार निकाय चुनाव में भी वही तस्वीर दिखेगी या NDA के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारते हैं.
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वहीं चिराग पासवान की पार्टी के रुख पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि राजद हर बार अपनी ताकत पर ही कोई चुनाव लड़ता है और इस बार भी लड़ेंगे. चिराग पासवान के साथ तो पहले भी हमारा गठबंधन नहीं था. अगर आगे चिराग पासवान राजद के साथ आने का फैसला करते हैं तो उनका स्वागत है.