जम्मू–कश्मीर में आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों की कार्रवाई तेज हो गई है। पिछले कुछ महीनों में आतंकी वारदात तेज हुई है। जवाब में सुरक्षा बलों ने घाटी से आतंकवादियों का सफाया करने की ठान ली है। दिसम्बर के आखिरी हफ्ते में सेना‚ अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस की कार्रवाई में जैश–ए–मोहम्मद के ९ आतंकवादियों को मार गिराया। दिसम्बर महीने की आखिरी तारीख को सुरक्षाबलों ने जैश के ६ आतंकवादियों को मार गिराया। कुल मिलाकर नये साल की शुरुआत और बीते साल दिसम्बर महीने के अंतिम दो–तीन दिनों में कुल ९ आतंकवादियों का सफाया किया गया। बीते साल अक्टूबर में पाकिस्तान के इशारे पर आतंकवादियों ने पुलिस और आम लोगों को चुन–चुनकर मारने का ट्रेंड़ सेट किया था। हमलों के इस ट्रेंड़ को सुरक्षाबलों ने तत्काल पहचान लिया और एक्शन तेज करते हुए एक–एक आतंकवादी की पहचान कर कर्रवाई करना शुरू कर दिया है। अक्टूबर का महीना सेना और अन्य फोर्सेस के लिए सुकून भरा इसलिए कहा जा सकता कि हिजबुल–मुजादिहीन‚ जैश–ए–मोहम्मद‚ लश्कर–ए–तैयबा और द रेसिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) के टॉप आतंकवादियों मार गिराया। सेना के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल १७१ आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है। इस सूची में १९ आतंकवादी तो पाकिस्तान के रहे तो १५१ स्थानीय बताए गए। २०२२ में फिर इन आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है। इसके संकेत पिछले कुछ दिनों की मुठभेड़ से साफ मिल गए हैं। दरअसल‚ इस समय सेना द्वारा सिर्फ आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा बल्कि उनके हैंडलर्स को पकड़ने का प्रयास भी है। स्थानीय लोगों की मिलीभगत आतंकवादियों से रहती है‚ इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। सुरक्षाबल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया जाए क्योंकि उन्हीं के दम पर आतंकियों की गतिविधियों को मॉनिटर भी किया जा सकता है और समय रहते हमलों पर भी लगाम लगाया जा सकता है। जब तक पाकिस्तान के टुकड़़ों पर पलने वाले इन आतंकवादियों का सफाया नहीं हो जाता तब तक घाटी में अमन की राह मुश्किल है।
कश्मीर में वर्ष 2022 की शुरुआत मुठभेड़ों के साथ हुई है। नए साल के इन पांच दिनों में अब तक पांच मुठभेड़ हुई है और इनमें लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सहित 8 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। नये साल में कश्मीर में अमन व शांति स्थापित करने का संकल्प लेने वाले सुरक्षाबलों के इन अभियानों ने आतंकवादी संगठनों को यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वे कश्मीर में और खून नहीं बहने देंगे। हालांकि अनुच्छेद 370 की समाप्ति व जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कश्मीर के हालात में काफी सुधार भी आया है। इन पांच दिनों में जिस तरह से आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों का शिकंजा कसता नजर आ रहा है, उससे कहा जा सकता है कि बहुत जल्द धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में पूरी तरह से अमन होगा और यहां रहने वाले लोग एक बार फिर आपसी भाईचारे के साथ मिलकर रहेंगे।
पांच दिनों में हुई पांच मुठभेड़ों में जिला श्रीनगर में सिर्फ एक घंटे की अवधि में दो मुठभेड़ देखी गई जबकि उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में एक, दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम जिले में एक और आज बुधवार जिला पुलवामा में एक मुठभेड़ हुई। आज पुलवामा में हुई मुठभेड़ में हल्की बारिश व भीषण ठंड की परवाह न करते हुए सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया करीब साढ़े तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी समेत जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया।