मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में आये लोगों के संक्रमित पाये जाने को दुखद बताया। राज्य में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रतिबंध लगाये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति की समीक्षा के लिए मंगलवार को बैठक की जायेगी। बैठक के बाद राज्य में प्रतिबंध लगाये जाने के मुद्े पर निर्णय लिया जायेगा। लॉकड़ाउन की संभावना पर सीएम ने कहा कि पहले से ही ५ जनवरी तक का गाइडलाइन जारी की गयी है।मंगलवार की शाम होने वाली बैठक में आगे क्या–क्या करना है उसके बारे में निर्णय लिया जायेगा। प्रारंभिक दौर में अगले ५–७ दिन के लिए निर्णय लिया जायेगा और परिस्थिति के अनुसार जैसा होगा आगे किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना के मामले लगभग समाप्त हो चुके थे‚ लेकिन अचानक से संक्रमण के मामलों में तेजी आई है।
ऐसे में सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। अब सभी सरकारी कार्यालयों में कोरोना की जांच शुरू हो गई है। यहां तक के मेरे सचिवालय और कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जांच शुरू करा दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिदिन दो लाख लोगों की कोरोना जांच कराई जाती है‚ जो प्रति दस लाख पर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। कई दिन तो जांच में कोरोना के मामले शून्य रहा करते थे‚ लेकिन पिछले 10 दिनों में संक्रमण तेजी से फैला है। सीएम ने कहा कि इस बार संक्रमण के जो मामले आ रहे हैं‚ वह ओमीक्रोन का है या इससे पहले वाले स्वरूप का‚ इसके बारे में जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन राज्य में मामले बढ़ने शुरू हो गये हैं। ऐसे में लोगों को और जागरूक करने और सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के इलाज की पूरी तैयारी है। दवा और ऑक्सीजन की भी पर्याप्त व्यवस्था है। ऐसी परिस्थिति में समाज सुधार अभियान जारी रखने के सवाल पर सीएम ने कहा कि मंगलवार को निर्धारित कार्यक्रम में हम अवश्य शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी वैसी स्थिति नहीं आयी है। हमलोग जो भी मीटिंग करते हैं‚ सभी लोगों को वहां सुरक्षित तरीके से रखा जाता है। जीविका दीदियां सुरक्षा के साथ आती हैं और उनको वहां बैठाया जाता है। लोगों की बात सुनते हैं। समीक्षा बैठक भी होती है। उन्होंने कहा कि आगे क्या कर सकते हैं इसके संबंध में भी देखा जाएगा। यह समाज सुधार यात्रा नहीं‚ बल्कि यह एक अभियान है। यात्रा उसका सीमित पक्ष है। विकास के साथ समाज सुधार होना चाहिए‚ समाज सुधार हित में है। आपस में प्रेम–भाईचारे का भाव रहना चाहिए। कोई कुछ बोलता है उस समझ नहीं है तो उससे हमको क्या मतलब है। हमलोग अपना काम करेंगे। व लोगों को समझ में आएगा। जिनके बारे में आप कह रहे हैं वो भी कभी मेरे साथ घूमे हैं।
सूबे में एक बार फिर हुए कोरोना विस्फोट के बीच सोमवार को ‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में पहुंचे 14 लोग संक्रमित पाये गये‚जिससे हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में सोमवार को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जनता दरबार में आने से पूर्व फरियादियों की उनके ही जिले में आरटीपीसीआर जांच की जाती है। रिपोर्ट निगेटिव रहने पर ही उन्हें यहां आने की अनुमति होती है। पूर्व की व्यवस्था के अनुसार‚ आरटीपीसीआर रिपोर्ट वाले व्यक्ति को सीधे कार्यक्रम स्थल पर जाने की अनुमति होती थी‚ लेकिन राज्य में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को ध्यान में रखते हुए सोमवार को पहली बार कार्यक्रम स्थल पर जाने से पूर्व एंटीजन किट से जांच शुरू की गई। जांच के दौरान औरंगाबाद जिले के एक फरियादी के संक्रमित होने की पुष्टि हुई‚ जिसके बाद परिसर में हड़कंप मच गया। इसके बाद जनता दरबार में पहुंचे सभी २२० फरियादियों की जांच की गई‚ जिनमें से छह व्यक्ति संक्रमित पाये गये। बताया जाता है कि जनता दरबार में अलग से भोजन का भी प्रबंध किया जाता है। सोमवार को ही जांच में पांच रसोइये भी संक्रमित पाये गये। संक्रमित फरियादियों में से नवादा जिले के दो तथा औरंगाबाद‚ नालंदा‚ गोपालगंज और रोहतास जिले के एक–एक व्यक्ति शामिल हैं। इसके अलावा तीन पुलिसकर्मी भी संक्रमित मिले हैं। चिकित्सकों ने संक्रमितों को पाटलिपुत्र स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स स्थित कोविड सेंटर भेजा‚ जहां उन्हें आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दरबार कार्यक्रम पांच साल बाद पिछले वर्ष १२ जुलाई से शुरू हुआ। शुरुआत में इस कार्यक्रम में आने वाले फरियादियों की उनके जिले में ही आरटीपीसीआर जांच कराई जाती थी। इसके बाद उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गये वाहनों से जनता दरबार में लाया जाता था‚ लेकिन राज्य में कोरोना संक्रमण का प्रभाव लगभग समाप्त होने के बाद फरियादियों के लिए परिवहन सेवा को बंद कर दिया गया। ऐसे में माना जा रहा है कि पटना आने के दौरान ही ये छह लोग कोरोना संक्रमित हुए होंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में रविवार को कोरोना संक्रमण के कुल ३५२ नये मामले सामने आए हैं। इनमें पटना जिले में सबसे अधिक १४२ संक्रमितों की पहचान की गयी है।