मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिकित्सकों से अपील की है कि वे लोगों की इलाज के दौरान शराब पीने के दुष्परिणाम के बारे में बतायें। साथ ही शुद्ध पेयजल का उपयोग करने तथा खुले में शौच नहीं करने के बारे में भी जानकारी दें मुख्यमंत्री ने मंगलवार को यहां आईएमए के ९६वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा‚ ‘चिकित्सकों से आग्रह है कि लोगों की इलाज के दौरान उन्हें शराब पीने के दुष्परिणाम के बारे में बतायें‚ उन्हें शुद्ध पेयजल का उपयोग करने तथा खुले में शौच नहीं करने के बारे में बतायें। आपलोगों की बातों का असर सब पर होगा। आप सब लोगों की सेवा कर रहे हैं‚ हमलोग भी आपकी मदद करते हैं और आगे भी जितना संभव होगा मदद करेंगे। समाज को आगे बढाइये और बेहतर बनाइये।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी सरकार ने बिहार में शराबबंदी लागू की। कुछ लोग मेरी बातों से सहमत नहीं थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन की २०१८ में रिपोर्ट प्रकाशित हुई‚ जिसमें बताया गया कि शराब पीने से दुनिया में ३० लाख लोगों की मौत होती है। यानी दुनिया में जितनी मृत्यु हुई‚ उसका ५.३ प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। २० से ३९ आयु वर्ग के लोगों में १३.५ प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने से और स्वच्छ पेयजल नहीं उपलब्ध होने के कारण ९० प्रतिशत बीमारियां फैलती हैं। पूरे देश में अब शौचालय का निर्माण हो गया है। उनकी सरकार ने हर घर में शौचालय निर्माण कार्य को लगभग पूरा करा दिया है। हर घर तक नल का शुद्ध पेयजल पहुंचा दिया गया है।