बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर वार्ड सचिवों ने अपनी सरकार की ओर से नियुक्ति रद्द किए जाने को लेकर जमकर बवाल काटा है. मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को अपनी मांगों को लेकर वार्ड सचिव बीजेपी दफ्तर के बाहर पहुंच गए और हंगामा करने लगे. मामले की जानकारी होते पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और वार्ड सचिवों को समझाकर वहां से हटाने का प्रयास किया लेकिन उनके नहीं मानने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी, इस दौरान वार्ड सचिवों ने भी जमकर पत्थर बरसाए. स्थिति नियंत्रण से बाहर निकलते देख पुलिस की टीम वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले भी दागे. इस दौरान पूरे वीरचंद पटेल मार्ग पर अफरातफरी की स्थिति बनी रही. बीजेपी कार्यालय के बाहर रणक्षेत्र जैसा नजारा देखने को मिली.
बताया जाता है कि वार्ड सचिव पिछले कई दिनों से गर्दनीबाग धरनास्थल के पास अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे. लेकिन, सरकार की ओर से उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं होने के बाद आज वार्ड सचिव उग्र हो गए और एक साथ मिलकर बीजेपी कार्यालय के बाहर जुट गए. इस दौरान बीजेपी कार्यालय का गेट बंद कर दिया गया. तभी वार्ड सचिव और नाराज हो गए और जमकर गेट के बाहर ही हंगामा करने लगे. आननफानन में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची और किसी तरह स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की लेकिन वार्ड सचिव मानने को तैयार नहीं हुये.
जब वार्डसचिवों ने पुलिस की बात नहीं मानी तो पुलिस बल की तरफ से प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन से पानी छोड़ा गया. इसके खिलाफ वार्ड सचिवों ने वाटर कैनन पर ही पत्थर बरसाना शुरू कर दिया. इस दौरान पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. इस दौरान पुलिस टीम ने प्रदर्शनकारियों पर लगाम लगाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे.
जानिए क्या है वार्ड सचिवों की मांग
दरअसल वार्ड सचिव अपनी मांगों को पिछले 15 दिनों से आंदोलन पर हैं. वार्ड सचिवों की मांग है कि उनकी नियुक्ति को स्थायी किया जाए और वार्ड सचिवों को हटाने संबंधी पत्र वापस लिया जाए. साथ ही उनके बकाए पैसे का भुगतान भी जल्द से जल्द किया जाए. वहीं काम के काम के एवज में वेतन देने की मांग भी वार्ड सचिव कर रहे हैं.
राजद के प्रदेश महासचिव भाई अरुण कुमार‚ बल्ली यादव एवं प्रदेश सचिव सरदार रणजीत सिंह ने संयुक्त प्रेस बयान जारी कर बीजेपी कार्यालय के बाहर वार्ड सचिवों के प्रदर्शन पर आंसू गैस के गोले एवं लाठीचार्ज की घोर निंदा करते हुए कहा कि सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लाठी के बदौलत दबाना चाहती है। नेताओं ने आरोप लगाया कि वार्ड सचिवों को दौडा–दौडा कर पीटा गया। सिर फोड दिए‚ पैर–हाथ तोड़़ दिए। घायल सडक पर तडपते रहे परंतु प्रशासन के द्वारा प्राथमिक उपचार भी नहीं करवाया गया।
प्रदेश राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संयोजक राणा रणवीर सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे वार्ड सचिवों पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज करना अंग्रेजी शासन की याद दिलाता है। श्री राणा ने कहा कि वर्षों से बिना वेतन के कार्य कर रहे सम्पूर्ण बिहार के वार्ड सचिवों को एक झटके में बर्खास्त कर दिया गया और जब वे वेतन की मांग किये तो उन्हें दौडा दौडा कर जानवरों की तरह पीटा गया। श्री राणा ने बिहार सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सभी वार्ड सचिवों को तत्काल प्रभाव से बहाल कर उनके बकाये वेतन का भुगतान अविलंब नहीं किया गया तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सम्पूर्ण बिहार में वार्ड सचिवों के समर्थन में आंदोलन करने को बाध्य होगी।
ऐक्टू राज्य महासचिव आरएन ठाकुर व राज्य सचिव रणविजय कुमार ने पुरुष वार्ड सचिवों पर भाजपा के प्रत्यक्ष निदæशन में बर्बर पुलिसिया दमन‚ अश्रु गैस के गोले व पानी का बौछार का आरोप लगाते हुए घटना की घोर निंदा की। ऐक्टू नेताओं ने घटना के लिए भाजपा को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए भाजपा से बिहार की जनता व वार्ड सचिवों से माफी मांगने और वार्ड सचिवों के नेताओं से उनकी मांगों पर सम्मानजनक वार्ता कर मांगें पूरी करने की अपील नीतीश सरकार से की। ऐक्टू नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गली–नाली–नल जल योजना को बिहार में सफल बनाने वाले वार्ड सचिवों की मांगों पर सम्मानजनक वार्ता करने की बजाए नीतीश–भाजपा सरकार सुसाशन के नाम पर गैर – लोकतांत्रिक आचरण तानाशाही राज कायम करने में लगी है। ॥ जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई) के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि सवा लाख वार्ड सचिवों का वेतन पिछले चार साल से भुगतान नहीं हो रहा है। आज पटना में बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे युवक–युवतियों पर लाठीचार्ज किया गया। जनवादी नौजवान सभा घटना की निंदा करती है। जदयू–भाजपा सरकार युवाओं को ठेके पर बहाली करके उनका वेतन भी भुगतान नहीं करती है। संगठन बिहार सरकार से मांग करती है कि वार्ड सचिवों का वेतन अविलंब भुगतान किया जाए तथा उनकी स्थायी बहाल की जाए।