पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी की सफलता के लिए राज्य सरकार ने हाल में जो बड़े प्रशासनिक बदलाव किये, उसके बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। इसके साथ ही शराबबंदी कानून से जुड़े मुकदमों का बोझ कम करने के लिए 75 विशेष अदालतें गठित करने का फैसला सराहनीय है।
उन्होंने ट्वीट किया है कि ऐसे मामले जल्द निपटाए जाने चाहिए। कार्यपालिका और न्यायपालिका मिलकर ही किसी नेक कानून को जनता में स्वीकार्य बना सकती हैं। बिहार ऐसा पहला राज्य है, जहां समाज सुधार और राजनीति साथ-साथ चलती है। सरकार ने घरेलू हिंसा रोकने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के ख्याल से शराबबंदी कानून लागू किया। शराब, बाल-विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध मानव शृंखलाओं के कीर्तिमान भी यहीं बने।
उन्होंने कहा कि बिहार ऐसा पहला राज्य है‚ जहां समाज सुधार और राजनीति साथ–साथ चलती है। सरकार ने घरेलू हिंसा रोकने और सडक दुर्घटनाओं में कमी लाने के खयाल से शराबबंदी कानून लागू किया। शराबबंदी‚ बाल–विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध मानव श्रंखलाओं के कीर्तिमान भी यहीं बने। इस्लाम में शराबखोरी को गुनाह माना जाता है। मुसलिम देशों में पूर्ण शराबबंदी लागू है। वहाँ स्थानीय नागरिकों पर कडे शराबबंदी कानून लागू हैं। कोई भी धर्म शराब पीने को जायज नहीं ठहराता‚ फिर भी कुछ लोग इसके पक्ष में दलील दे कर गुमराह कर रहे हैं।