भारत में कोरोना वायरस के वेरिएंट ओमिक्रॉन का संकट गहराता जा रहा है। अब देश में ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 87 हो गई है। देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना वायरस का खतरनाक स्वरूप ओमिक्रॉन अबतक देश के 11 राज्यों में फैल चुका है। कर्नाटक में गुरुवार को ओमिक्रॉन वेरिएंट के 5, जबकि दिल्ली और तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में 4-4 और गुजरात में 1 नया संक्रमित पाया गया है। उधर, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के नए ओमीक्रोन वेरिएंट के खतरों के बीच देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
भारत में गुरुवार तक ओमिक्रॉन संक्रमण के 87 मामले सामने आ चुके हैं। ओमिक्रॉन के महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा केस मिले हैं, यहां 32 केस सामने आ चुके हैं। राजस्थान में 17, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10, केरल में 5, गुजरात में 5, कर्नाटक में 8, तेलंगाना में 7, बंगाल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और चंडीगढ़ में 1-1 मामले सामने आ चुके हैं।
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 7 हजार 447 नए मामले सामने आने के साथ ही 391 लोगों की मौत हुई है। राहत ही बात यह कि आज नए मामलों से ज्यादा मरीजों ने कोरोना को मात दी है। 24 घंटे के अंदर 7,886 रिकवरी हुई है। अब ठीक होने वालों का कुल आंकड़ा 3,41,62,765 पहुंच गया है। इसके साथ ही अगर देश में कोरोना की ताजा स्थिति की बात करें तो अब भारत में कोरोना वायरस का आंकड़ा 3,47,26,049 पहुंच गया है। जिसमें सक्रिय मामलों की संख्या 86,415 है। वहीं मौत का कुल आंकड़ा 4,76,869 पहुंच गया है। जिस तेजी से देश में मामले दर्ज हो रहे हैं उसी तेजी से वैक्सीनेशन भी बढ़ रहा है। अबतक 1,35,99,96,267 लोगों को कोरोना का टीका लग चुके हैं।
वहीं कोरोना का ओमिक्रान वैरिएंट भी तेजी से बढ़ रहा है। अब तक 11 राज्यों में यह संक्रमण फैल चुका है और 88 के करीब कुल मामले दर्ज हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं। वहीं दिल्ली में कोरोना के इस नए वैरिएंट के 10 मामलों की पुष्टि हुई है।
माना जा रहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर जनवरी से शुरू हो सकती है और ओमिक्रोन वैरिएंट इसका प्रमुख कारण बन सकता है। देश में ओमिक्रोन के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए यह आशंका प्रबल हो गई है और इसी कारण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना से जुड़े स्वास्थ्य ढांचे को फूलप्रूफ बनाने की कोशिश में जुट गया है। हालांकि, ओमिक्रोन के कम घातक होने से मरीजों को दूसरी लहर की तरह अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ने की उम्मीद कम है।