टीम इंडि़या की पिछले दिनों कप्तानी बंटने के बाद से दोनों कप्तानों विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच अनबन की खबरें हवा में तैरने लगी हैं। भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट और वनडे़ सीरीज खेलने के लिए जाना है। चयनकर्ताओं ने टेस्ट टीम की घोषणा करते समय रोहित शर्मा को कप्तान बनाने के साथ वनडे़ टीम का कप्तान बनाने की घोषणा कर दी। इसके बाद कुछ घटनाओं ने दोनों कप्तानों के बीच अनबन की खबरों को हवा जरूर दी है। लेकिन विराट के दौरे पर रवाना होने से पहले संवाददाता सम्मेलन में कही गइ बातों से अनबन की खबरों की हवा निकल गई है।
विराट ने कहा कि मैंने वनडे़ सीरीज में उपलब्ध नहीं रहने के बारे में बीसीसीआई से कभी कहा ही नहीं। सवाल है कि विराट ने ऐसा नहीं कहा तो यह खबर निकली कहां से‚ इसकी बीसीसीआई को जांच करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि रोहित हमेशा टीम के अहम हिस्सा रहे हैं और उनका नहीं होना टीम को खलेगा। उन्होंने खुद को वनडे़ कप्तानी से हटाने के बारे में यह जरूर कहा कि मुख्य चयनकर्ता ने टेस्ट टीम की घोषणा से कुछ पहले कहा था कि वह उन्हें वनडे़ टीम का कप्तान नहीं बना रहे हैं। हालांकि मैंने टी–२० की कप्तानी छोड़़ते समय कहा था कि मैं टेस्ट के साथ वनडे़ की कप्तानी भी करते रहना चाहता हूं‚ अगर चयन समिति ऐसा करने देना चाहती हो।
असल में रोहित के अभ्यास के दौरान चोटिल होने के कारण टेस्ट टीम से हटने की खबर ने घी में आग ड़ालने का काम किया। रोहित को वनडे़ का कप्तान बनाए जाने के बाद से ही विराट और रोहित के बीच अनबन की खबरें हवा में तैरने लगी थीं। इसके बाद विराट के वनडे़ सीरीज में नहीं खेलने की खबर के आने से तो अनबन की खबर ने और जोर पकड़़ लिया। कहा गया कि विराट अपनी बेटी की पहली वर्षगांठ की वजह से वनडे़ सीरीज से हट गए हैं। पर इस खबर का कोई सिर पैर नजर नहीं दिखा। इसी दौरान बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से खबर आई कि विराट ने वनडे़ सीरीज में नहीं खेलने के बारे में अधिकृत तौर से अध्यक्ष सौरव गांगुली‚ सचिव जय शाह या चयन समिति को अब तक कुछ नहीं बताया है। लगता है कि विराट के वनडे़ सीरीज में नहीं खेलने के पीछे जो कारण दिया गया है‚ वह ही सही नहीं था। इसकी वजह यह है कि इस दौरे का आखिरी टेस्ट १५ जनवरी को खत्म होना है और विराट की बेटी की वर्षगांठ ११ जनवरी को है। वह वर्षगांठ की वजह से हटते तो तीसरा टेस्ट नहीं खेलते। पर खबर यह नहीं कहती।
सच यह है कि बीसीसीआई ने इस मामले को सही ढंग से हैंड़ल नहीं किया। खबरें भी बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से चल रही थीं। इस दौरान बीसीसीआई के बयानों ने भी अनबन की खबरों को हवा दी। बीसीसीआई का यह कहना भी कतई उचित नहीं था कि विराट के टी–२० की कप्तानी छोड़़ते समय उनसे ऐसा नहीं करने को कहा था। बेहतर होता कि जब उनसे कप्तानी नहीं छोड़़ने को कहा गया था‚ उस समय ही उन्हें बता देना चाहिए था कि टी–२० की कप्तानी छोडेंगे तो वनडे़ की कप्तानी भी छोड़़नी पड़े़गी क्योंकि व्हाइट गेंद के दो कप्तान बनाना अनुचित होगा। ऐसा होता तो शायद यह सब हुआ ही नहीं होता।
दोनों कप्तानों के बीच अनबन की खबरों के बीच पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने जो कहा‚ उससे मैं भी पूरी तरह सहमत हूं। उन्होंने कहा कि रोहित और विराट यदि एक–दूसरे की कप्तानी में नहीं खेलते हैं तो इससे टीम से पहले उनका खुद का नुकसान होगा। एक खिलाड़़ी जाता है तो दूसरा उनकी जगह लेता है। गावस्कर‚ कपिलदेव‚ सचिन तेंदुलकर‚ राहुल द्रविड़़ और सौरव गांगुली जैसे खिलाड़़ी गए और उनकी जगह दूसरे खिलाडि़़यों ने ली। कोई भी खिलाड़़ी अपरिहार्य नहीं है। इस बात से शायद ही कोई इनकार करेगा। पर समस्या यह है कि दोनों कप्तानों की आपस में किसी समस्या का कभी जिक्र नहीं किया गया। यहां तक दोनों ने एक–दूसरे के लिए अच्छी बातें ही कही हैं‚ फिर भी यह खबर सुर्खियां बन गई। पूर्व कप्तान मो. अजहरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और उनका बिना सही जानकारी के बयान देना कतई उचित नहीं था। उन्होंने कहा था कि विराट ने वनडे़ सीरीज में उपलब्ध नहीं होने की बात कही है। वहीं रोहित टेस्ट सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं हैं। किसी भी खिलाड़़ी के ब्रेक लेने में कोई दिक्कत नहीं है पर ऐसे फैसले का यह सही समय नहीं है। एक राज्य एसोसिएशन का अध्यक्ष बीसीसीआई का ही हिस्सा है‚ उसके ऐसे बयान से माहौल गर्माना लाजिमी है। इस पर गावस्कर ने कहा था कि लोगों को निष्कर्ष नहीं निकालने चाहिए। अजहर से भी कहा था कि आपके पास इस संबंध में कोई अंदरूनी जानकारी है तो उसे साझा करें। जब तक दोनों खिलाड़़ी इस बारे में कुछ नहीं कहते हैं‚ तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं होगा। इस बीच यह भी कह दिया गया कि आईपीएल के पिछले सत्र में कोरोना फैलने पर बीसीसीआई इस टी–२० लीग को जारी रखना चाहता था पर विराट के खेलने से मना करने पर लीग स्थगित करनी पड़़ी और बीसीसीआई को भारी नुकसान हुआ। इसलिए बीसीसीआई ने टी–२० विश्व कप में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद विराट को टी–२० और वनडे़ की कप्तानी से हटा दिया पर वह यदि उन्हें सबक ही सिखाना चाहता तो टी–२० का कप्तान बने रहने के लिए ही क्यों कहता।
विराट और रोहित के बीच अनबन की खबरें नई बात नहीं हैं। पहले भी आती रही हैं। पर अच्छी बात यह है कि दोनों का प्रदर्शन इससे कभी प्रभावित होता नजर नहीं आया। मैदान पर दोनों के व्यवहार से कभी लगा नहीं कि उनके बीच कोई समस्या है। रोहित ने वनडे़ कप्तान बनने के बाद कहा भी था कि कोहली की कप्तानी में हम हमेशा मैच जीतने के इरादे से ही उतरते थे। उनकी कप्तानी में खेलते समय हमने क्रिकेट का भरपूर लुत्फ उठाया। आगे भी लुत्फ उठाता रहूंगा। विराट ने भी दोनों के बीच की स्थिति को साफ कर दिया है। फिलहाल मामला रफा–दफा हो गया है। वैसे भी दो कप्तानों के रहते टीम के दो हिस्सों में बंटने की संभावना बनी रहती है। लेकिन टीम के पास राहुल द्रविड़़ जैसे गंभीर कोच हैं‚ और वे खुद लंबे समय तक क्रिकेट खेले हैं। इसलिए हालात को नियंत्रण में रखने में जरूर कामयाब होंगे। पहले भी खिलाडि़़यों के बीच टकराव के जितने मामले सामने आए हैं‚ वे मीडि़या की देन रहे हैं। अच्छी बात यह रही कि इन विवादों के सुर्खियां बनने पर भी टीम का प्रदर्शन प्रभावित नहीं हुआ। विराट सेना दक्षिण अफ्रीका में पहली बार टेस्ट सीरीज जीत जाए तो यह कड़़वाहट भुला दी जाएगी।
विराट और रोहित के बीच अनबन की खबरें नई बात नहीं हैं। पहले भी आती रही हैं। पर अच्छी बात यह है कि दोनों का प्रदर्शन इससे कभी प्रभावित होता नजर नहीं आया। मैदान पर दोनों के व्यवहार से कभी लगा नहीं कि उनके बीच कोई समस्या है। रोहित ने वनडे़ कप्तान बनने के बाद कहा भी था कि कोहली की कप्तानी में हम हमेशा मैच जीतने के इरादे से ही उतरते थे। उनकी कप्तानी में खेलते समय हमने क्रिकेट का भरपूर लुत्फ उठाया। आगे भी लुत्फ उठाता रहूंगा