बुद्धिजीवियों और विद्वानों की भूमि मिथिला‚ वेदों और उपनिषदों के प्राचीन परंपरा से जुड़ी हुई है। मंड़ना मिश्र‚ गार्गी एवं मैत्री कि इस धरती पर उपस्थिति इस बात का प्रमाण है। उपर्युक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारिणी के सदस्य राम माधव द्वारा मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा। कार्यक्रम के पहले सत्र ‘सीताः बियॉन्ड़ बाउंड्रीज‘ में राम माधव के साथ श्रीलंका के हाई कमिश्नर मिलिंद मोरगुड़ा और नेपाल में स्थित जानकी मंदिर के रौशन दास भी मौजूद थे। सत्र का संचालन कार्यक्रम की मुख्य संचालिका सविता झा खान द्वारा किया गया। उन्होंने बिहार सरकार से निवेदन किया की यह बहुत महत्वपूर्ण है की अयोध्या में बनी राम जन्मभूमि के तर्ज पर मिथिला में सीता की जन्मभूमि का भी विकास किया जायें। भारत को एक स्त्रीवादी विचारधारा की भी जरूरत और वह विचारधारा समावेशी प्र.ति की होनी चाहिए। भारत में स्त्रीवादी संवाद का इतिहास यूरोप एवं अन्य पश्चिमी देशों कि स्त्रीवादी परंपरा के इतिहास से बहुत पुराना है। पूर्वी देशों के दर्शन में नारीत्व एवं पुरुषत्व दोनों की भागीदारी समाहित है। श्रीलंका के हाई कमिश्नर मिलिंद मोरगुड़ा ने कहा कि मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल एक पूल का काम कर है‚ जो कि श्रीलंका‚ भारत और नेपाल को सीता के संवाद जोड़ता है। यह इस बात की सबसे बड़ी गवाही है कि कैसे सीता असलियत में‚ सीमाओं से इतर विषय है। जानकी मंदिर के महंत रौशन दास ने बताया कि सीता के चरित्र‚ उनकी कहानी और उनके वर्णन को नेपाल में बहुत महत्ता प्रदान की जाती है। भारत और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकड़ाउन में भी बंद नहीं हुई। यह बात इन दोनों देशों के बीच के मजबूत और गहरे संबंधों को उजागर करती। यह संबंध किसी सीमा की मोहताज नहीं है और ऐसा सीता की वजह से ही संभव हो सका है। इससे पूर्व मंगलवार की सुबह वरिष्ठ सांस्.तिक चिंतक एवं आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के गॉंधी सदन स्थित गॉंधी संग्रहालय का भ्रमण किया। मौके पर दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक ड़ा एके मिश्रा ने महात्मा गॉंधी सदन से जुड़े गॉंधीजी के पहलुओं को विस्तार से बताया। इस अवसर पर प्रति–कुलपति प्रो ड़ॉली सिन्हा‚ दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता‚ नगर विधायक संजय सरावगी‚ दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के उपनिदेशक ड़ॉ. शंभू प्रसाद‚ मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल की मुख्य संयोजिका ड़ा सबिता झा खान‚ कत्थक नृत्यांगना वीणा सी. शेषाद्री‚ साहित्यकार मंजर सुलेमान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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