राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश सरकार में अंतर्विरोध दिनोंदिन बढता जा रहा है। अंतर्विरोध सामान्य प्रकृति का नहीं है बल्कि कुछ मूल मान्यताओं को लेकर है। नीतीश के एक नजदीकी मंत्री का बयान है कि बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में ले आने के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है। दूसरी ओर सरकार की उप मुख्यमंत्री कह रही हैं कि विशेष राज्य का दर्जा कोई मायने नहीं रखता है। उनके अनुसार केंद्र की सरकार बिहार को विशेष राज्य के दजæ से ज्यादा सहायता दे रही है। पैसे से लेकर योजनाओं के मामले में केंद्र सरकार बिहार को भरपूर राशि दे रही है। उनका कहना है कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने से जितनी राशि बिहार को मिलती उससे अधिक राशि अभी मिल रही है। ऐसे में उनके लिए विशेष राज्य के दर्जा का कोई मतलब नहीं है॥। सरकार में गंभीर अंतर्विरोध की दूसरी खबर नीतीश मंत्रिमंडल के एक सदस्य के बयान से भी मिल रही है। उक्त मंत्री ने सडक पर नमाज पढने को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री के फैसले का समर्थन किया है। उनका मानना है कि सडक पर नमाज पढने से अराजकता फैलती है और इसकी अनुमति किसी को नहीं मिलनी चाहिए। वहीं भाजपा के एक विधायक‚ जो अपने सांप्रदायिक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं‚ उन्होंने भी सडक पर नमाज पढने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।