आल इंडिया मजलसि ए इत्तेहादुल मुसलमीन के विधायकों ने बिहार विधानसभा की शीतकालीन सत्र के समापन पर राष्ट्रगीत गाने से इंकार कर दिया। कहा कि विधानसभा के स्पीकर जबरन ऐसी परंपरा थोप रहे हैं। संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। भाजपा के एक विधायक ने तो कह दिया कि राष्ट्रगीत नहीं गा सकते तो दूसरे देश चले जाएं। अब केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इसपर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उनके नेता ही जब ऐसे हैं तो विधायक से क्या उम्मीद की जा सकती है।
राष्ट्रगान से हुआ था विधानसभा के सत्र की शुरुआत
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस बार एक नई शुरुआत की। सत्र का शुभारंभ राष्ट्र्रगान जन गण मन… से हुआ और समापन राष्ट्रगीत वंदे मातरम से। लेकिन एआइएमआइएम के पांचों विधायकों ने राष्ट्रगीत गाने से इंकार कर दिया। पार्टी विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष एक नयी परंपरा थोपने की कोशिश कर रहे हैं। हम संविधान के अनुसार चलेंगे। इसके बाद इस पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।
इसी बाबत दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से जब मीडिया वालों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ओवैसी संसद में भी इस प्रकार की गतिविधि करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के अध्यक्ष ही राष्ट्र का अपमान करता है उनके विधायकों से ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है. उन्होंने आगे कहा कि ओवैसी जिन्ना के सपने को लेकर भारत में विभेद फैला रहे हैं. ओवैसी संसद में भी ऐसा करते हैं तो उनकी पार्टी के एमएलए से क्या उम्मीद की जाए। गिरिराज सिंह ने ओवैसी पर तंज कसते हुए कहा कि वे तो जिन्ना के सपनों को लेकर भारत में भ्रम और विभेद फैला रहे हैं। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि 1947 भारत में दोबारा नहीं आनेवाला है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लोगों ने तो यह भी कहा था कि राम मंदिर नहीं बनेगा। लेकिन वह बना। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत हमारी आत्मा में बसा है।