राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास पर दिए गए बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आपत्ति जताई है। विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि लालू प्रसाद ने अपशब्दों का प्रयोग किया है। कांग्रेस इसकी भर्त्सना करती है। राजनीति में गरिमा का ख्याल रखा जाना चाहिए। अगर यही रवैया रहा तो कांग्रेस भी संयम तोड़ने में पीछे नहीं रहेगी।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि लालू प्रसाद को यह ध्यान नहीं आ रहा है कि बिना कांग्रेस के 19 विधायकों के समर्थन के उनके पुत्र तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। लालू यादव को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे कांग्रेस से दूर होकर जदयू या भाजपा किसके साथ जाकर अपने पुत्र को मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि यह सिर्फ किसी व्यक्ति का अपमान नहीं है बल्कि यह दलित समुदाय का अपमान है। आखिर उन्हें दलित समुदाय से इतनी परेशानी क्यों है? आरोप लगाया कि लालू यादव पुत्रमोह में सामंतवादी होते जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि उपचुनाव में होने वाली अपनी हार निश्चित जानकर राजद नेताओं के बोल बिगड़ गए हैं। वे भाजपा-जेडयू पर हमला बोल ने बजाय कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं। प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि लालू यादव हमेशा से दलितों का अपमान करते रहे हैं। जेल जाने के बावजूद उनमें कोई बदलाव नहीं आया है।
बिहार कांग्रेस प्रभारी को बताया बेवकूफ
दिल्ली से पटना आने के पहले लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस को आईना दिखा दिया। पटना आने से पहले दिल्ली में पत्रकारों से उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस को हारने के लिए वे सीट नहीं दे सकते थे। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास को उन्होंने भकचोंधर (अज्ञानी) बताया। उपचुनाव में आरजेडी व कांग्रेस के बिगड़े रिश्ते पर लालू का पहली बार बयान आया है। बिहार में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैैं और एक-दूसरे पर तीखे हमले भी कर रहे हैं।
हारने के लिए नहीं दे सकता था सीट
राज्यसभा सदस्य मीसा भारती के आवास पर जुटे पत्रकारों के सवाल पर लालू ने कहा कि गठबंधन क्या होता है? यह हारने के लिए नहीं होता। कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाती है। उसे हारने के लिए सीट नहीं दे सकता था। लालू से सवाल यह भी पूछा गया कि भक्तचरण ने आरजेडी पर पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाया है तो उनका जवाब था कि भक्तचरण भकचोंधर हैं। उन्हें कुछ नहीं आता।
विस उपचुनाव में जीत का किया दावा
लालू ने तारापुर और कुशेश्वरस्थान दोनों सीटों पर अपनी जीत का दावा किया। विधानसभा के आम चुनाव में गठबंधन के तहत राजद ने कांग्रेस को 70 सीटें दी थीं, जिसमें मात्र 19 पर जीत मिली थी। राजद इसी मुद्दे पर बार-बार कांग्रेस की खिंचाई भी करते रहा है। उसके स्ट्राइक रेट पर सवाल उठाता रहा है।
तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच सब ठीक
लालू ने अपने परिवार में चल रहे झगड़े पर भी मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के बारे में कहा कि दोनों उनके बेटे हैं। दोनों के बीच सब ठीक है। उन्होंने चुनाव प्रचार में भी जाने का संकेत दिया और कहा कि जो लोग कोर्ट का हवाला देकर मेरे चुनाव प्रचार का विरोध कर रहे, उन्हें नहीं पता कि अदालत ने मुझे आधी सजा काटने के आधार पर जमानत दी है। कहा कि सेहत ने साथ दिया तो प्रचार के लिए भी जा सकता हूं। राजनीतिक सक्रियता पर कोई बंदिश नहीं है।
लालू यादव के बयान से गरमाई सियासत
लालू प्रसाद के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर कांग्रेस नेता प्रमचंद मिश्र ने कहा कि इससे आरजेडी सुप्रीमो का फ्रस्टेशन झलकता है। उनके जैसे बड़े नेता से अमर्यादित बयान की अपेक्षा नहीं थी। ऐसे में कांग्रेस भी चुप नहीं रहेगी। कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि लालू की टिप्पणी केवल एक व्यक्ति का अपमान नहीं, बल्कि पूरे दलित समुदाय का अपमान है। लालू का बयान उनकी सामंती सोच का नतीजा है। लालू पुत्र मोह में सामंतवादी होते जा रहे हैं। उन्हें व उनकी पार्टी को दलित समाज से माफी मांगनी चाहिए। उधर, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू तब भी कांग्रेस के साथ थे, जब सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को विदेशी मूल का बताकर हमला किया जा रहा था। कांग्रेस के साथ आरजेडी का पुराना रिश्ता रहा है, लेकिन कुछ लोग उलूल-जुललू बोल रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।