देश की राजधानी में छठ पूजा का आयोजन होगा या नहीं, इस पर अभी भी संशय बरकरार है. कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा आयोजित करने पर रोक लगा दी है. इस पर विपक्ष ने दिल्ली सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डीडीएमए की बैठक बुलाने की मांग की थी. छठ पूजा के आयोजन पर फैसला लेने के लिए 27 अक्टूबर को डीडीएमए की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में फैसला हो जाएगा कि इस बार सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा का आयोजन होगा कि नहीं.
आपको बता दें कि इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के एलजी अनिल बैजल को राष्ट्रीय राजधानी में छठ पूजा को लेकर एक पत्र लिखा था. उन्होंने एलजी को लिखे पत्र में कहा था कि दिल्ली में कोविड की स्थिति बेहतर है. मेरे विचार में हमें सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छठ पूजा की मंजूरी देनी चाहिए. केजरीवाल ने कहा था कि डीडीएमए की मीटिंग जल्द-से-जल्द बुलाकर छठ पूजा समारोह के आयोजन की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने पत्र में लिखा था कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य पड़ोसी राज्यों ने भी अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उचित प्रतिबंधों के साथ छठ पूजा मनाने की अनुमति दी है.
गौरतलब है कि DDMA ने छठ पूजा को लेकर निर्देश जारी किया है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा आयोजित करने पर रोक लगाई गई है. डीडीएमए ने कहा था कि दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों/सार्वजनिक मैदानों/नदी के किनारे, मंदिरों आदि में छठ पूजा उत्सव की अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही जनता से अपील की गई है कि वे छठ पूजा अपने घरों में ही करें. त्यौहारी सीजन में मेले, फ़ूड स्टाल, झूला, रैली, जूलूस आदि की अनुमति नहीं होगी. दिल्ली में COVID निवारक उपाय 15 नवंबर तक जारी रहेंगे.